गिलगिट बालटिस्तान को चुनाव के रास्ते अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की जिद किए बैठे इमरान खान को पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने एकजुट होकर चुनौती पेश की है। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट नामका मोर्चा बनाया है। जिसका नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए इस्लाम के चीफ मौलान फजुलर्रहमान को सौंपा गया है। विपक्ष की एकजुटता से इमरान खा को दिन में सपने दिखाई देने लगे हैं। इमरान खान ने विपक्ष को पटखनी देने के लिए पाक फौज और आईएसआई को मैदान में उतार दिया है। आईएसआई ही इमरान खान की पार्टी (पीटीआई) के उम्मीदवारों का चयन कर रही है।
ध्यान रहे, कई दिनों की माथा-पच्ची के बाद विपक्षी दलों की एक बैठक में जमीयत उलेमा-ए इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का नेता चुना जा सका। मौलाना फजुलउर्रहमान के नाम का ऐलान पीडीएम चीफ ऐलान होते ही इमरान खान और पाकिस्तानी फौज के पसीने छूटने लगे हैं। इमरान खान की पार्टी किसी भी तरह चुनाव में जीत हासिल करने पर आमादा है।
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (एन) के नेता, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी) के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल और मौलाना फजल सहित अन्य लोग शामिल हुए।
उधर पाक के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने फजलुर रहमान को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का प्रमुख चुने जाने पर तंज कसा। फवाद चौधरी ने उन्हें ‘उग्रवादी मुल्ला’ कहा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि “पाकिस्तान के लिए यह दुःख का दिन है अफगानिस्तान के आतंकवादी समूहों के करीबी माने जाने वाले एक चरमपंथी मुल्ला को सरकार के खिलाफ विपक्षी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।.