वास्तु शास्त्र में सभी दिशाओं का अलग महत्व है। शास्त्रों के मुताबिक, पूर्व दिशा के स्वामी ब्रह्मा और इंद्र को माना जाता हैं। साथ ही इस दिशा से ही घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। वहीं इस दिशा का वास्तु दोष परेशानियों का कारण बनता है। ऐसे में जानते हैं पूर्व दिशा से जुड़े वास्तु टिप्स-
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के मुखिया की लंबी आयु और संतान सुख की प्राप्ति के लिए घर की इस दिशा में खिड़की और प्रवेश द्वार होना चाहिए। साथ ही बच्चों को भी इस दिशा में मुख करके पढ़ाई करनी चाहिए। इसके अलावा इस दिशा में तोरण लगाना शुभ होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में अधिक खाली जगह होने से धन और वंश में वृद्धि होती है। ग्राउंड फ्लोर पर बने मकान, कमरों और बारामदों में भी पूर्वी हिस्सा नीचा हो तो घर में रहने वालों की हर क्षेत्र में तरक्की होती है।
पूर्व दिशा में बना हुआ मुख्य दरवाजा भी अगर पूरब मुख का हो तो शुभ परिणाम मिलते हैं। इसके अलावा घर की पूरब दिशा की दीवार जितनी कम ऊंची होगी उतना ही मकान मालिक को लाभ होगा। साथ ही ऐसे मकान में रहने वालों को सेहत अच्छी रहती है।
घर की इस दिशा को किसी अन्य प्रकार के निर्माण कार्य नहीं कराने चाहिए। इस दिशा को जितना खुला रखा जाता है, उतना अधिक लाभ मिलता है। वास्तु के मुताबिक अगर इस दिशा का क्षेत्रफल पश्चिम दिशा से कम है या ये अधिक ऊंची उठी हुई है तो शत्रु परेशान कर सकते हैं। साथ ही बराबर असफलता हाथ लग सकती है।