घर को सजाने के लिए हम बाजार से कई तरह के सामान लेकर आते है। लेकिन क्या आपको पता है कि इन सभी सामानों का जिक्र वास्तु शास्त्र में किया गया है। आज हम आपको सोफे से जुड़े वास्तु नियम बताने जा रहे है। किसी भी घर का ड्राइंग रूम सबसे मुख्य भाग माना जाता है। दरअसल घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जाएं सबसे पहले इसी कमरे में प्रवेश करती हैं। ऐसे में वास्तु के अनुरूप ही ड्राइंग रूम बनाना बेहतर होता है। ड्राइंग रूम की उचित दिशा क्या होगी, इसका निर्धारण मकान की दिशा से किया जाता है। चलिए आपको बताते है कि वास्तु के मुताबिक घर में सोफा सेट किस दिशा में होना चाहिए?
पूर्व या उत्तर मुख का मकान- वास्तु शास्त्र के मुताबिक, अगर मकान पूर्व या उत्तर मुख का है तो ड्राइंग रूम पूर्वोत्तर दिशा यानी ईशान कोण में होना चाहिए। वहीं अगर मकान पश्चिम मुख का है तो ड्राइंग रूम उत्तर-पश्चिम दिशा यानी वायव्य कोण में होना चाहिए।
दक्षिण मुख का मकान- वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर मकान दक्षिण मुख का है तो दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण में ड्राइंग रूम होना बेहतर है।
पश्चिम दिशा का दरवाजा- वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर का दरवाजा पश्चिम में है तो सोफा सेट नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में लगाना चाहिए।
उत्तर दिशा का दरवाजा- दरवाजा उत्तर में है तो दक्षिण, पश्चिम दिशा या नैऋत्य कोण में सोफा सेट लगाएं। इसके अलावा अगर घर पूरब मुख का है तो दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण में सोफा सेट लगा सकते हैं।
अन्य दिशा का दरवाजा- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर किसी अन्य दिशा में है तो सिर्फ उत्तर और ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी सोफा सेट लगा सकते हैं। इसके अलावा घर के मुखिया को हमेशा दरवाजे के सामने चेहरा कर बैठना चाहिए।