नांतेस स्थित एक फ्रांसीसी संग्रहालय ने मंगोलियाई सम्राट चंगेज खान से संबंधित एक प्रदर्शनी के बारे में चीनी सरकार के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए उसको स्थगित कर दिया है। संग्रहालय ने आरोप लगाया कि चीन की सरकार मंगोल इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश कर रही है।
फ्रांस के पश्चिमी शहर नांतेस में स्थित 'कैसल ऑफ द ड्यूक ऑफ ब्रिटनी' इतिहास संग्रहालय ने कहा है उसने 13वीं सदी के मंगोल नेता के बारे में एक प्रदर्शनी को अब रोक दिया है। संग्रहालय के निदेशक बर्ट्रेंड गुइलेट ने कहा, "हमने मानवीय, वैज्ञानिक और नैतिक मूल्यों के नाम पर इस कार्यक्रम को रोकने का निर्णय लिया है, जिसकी हम रक्षा करते हैं।"
इसमें कहा गया है कि चीनी अधिकारियों ने मांग की कि "चंगेज खान," "एम्पायर" और "मंगोल" सहित कुछ शब्दों के उपयोग को प्रदर्शनी से बाहर कर दिया जाए। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनी ब्रोशर और मानचित्रों पर पूरा अधिकार देने के लिए कहा।
चीन सरकार ने मंगोल जातीय समूह के खिलाफ अपने भेदभाव भरे रूख को कठोर बना दिया है। इनमें से ज्यादातर चीन के उत्तरी प्रांत इनर मंगोलिया में रहते हैं।
प्रदर्शनी का आयोजन चीन के होहोट शहर में इनर मंगोलिया संग्रहालय के सहयोग से होता रहा है। लेकिन अब जब तनाव पैदा हुआ तो नांतेस संग्रहालय ने कहा कि चीनी सांस्कृतिक विरासत ब्यूरो ने मूल योजना में बदलाव के लिए संग्रहालय पर दबाव डाला, "जिसमें एक नई राष्ट्रीय धारणा के पक्ष में मंगोल संस्कृति के पक्षपाती पुनर्लेखन की सामग्री शामिल है।"
संग्रहालय ने इसे "सेंसरशिप" करार दिया है और कहा कि यह कदम मंगोलियाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीनी सरकार की स्थिति की कठोरता को रेखांकित करता है। पेरिस में चीनी वाणिज्य दूतावास ने इस मामले पर तुरंत टिप्पणी के लिए किये गये फोन का कोई जबाव नहीं दिया।.