प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति स्थापित की गई है और इस क्षेत्र में भारत का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। दिनों-दिन ये विश्वास इसलिए गहरा हो रहा है क्योंकि अब पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। जहां से पहले सिर्फ नकारात्मक खबरें ही आती थीं, वहां अब शांति, प्रगति और समृद्धि का मंत्र गूंज रहा है।
वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जल आपूर्ति परियोजना की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मणिपुर में सड़क अवरोध एक इतिहास बन गया है, असम में दशकों पुरानी हिंसा समाप्त हो गई है। मिजोरम और त्रिपुरा में युवा हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं और मिजोरम से जुड़े ब्रू-रिंज शरणार्थी अब बेहतर जीवन की ओर ओर बढ़ रहे हैं।"
मोदी ने कहा, "सरकार क्षेत्र को विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यहां लगातार हाईवे, रेलवे और एयरपोर्ट का जाल बिछाया जा रहा है। और इस जल आपूर्ति योजना की आधारशिला रखना इस तथ्य का उदाहरण है कि कोविड-19 की मुश्किल घड़ी में भी, सरकार ने विकास के लिए काम करना नहीं छोड़ा है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक कोविड-19 का टीका विकसित नहीं हो जाता, हमें इस संक्रामक वायरस से ढृढ़ता से लड़ना है और साथ ही विकास के कार्य को भी तेजी से आगे बढ़ाना है।
यह परियोजना न्यू डवलपमेंट बैंक द्वारा वित्तपोषित है। 3054.58 करोड़ रुपये की यह योजना 2024 तक सभी को साफ पानी पहुंचाने के केंद्र के जल जीवन मिशन का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और शांति, जब ये तीनों चीजें बढ़ती हैं तो उद्योग के लिए, निवेश के लिए संभावनाएं अनेक गुना बढ़ जाती है। नॉर्थ ईस्ट के पास तो ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स और बैंबू, दो ऐसे माध्यम हैं, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान को ताकत देने का सामर्थ्य रखते हैं। और मैं आज जब आपसे बात कर रहा हूं तो मैं नॉर्थ-ईस्ट के किसान भाई-बहनों से विशेष बात करना चाहता हूं, मैं लगातार कहता आया हूं कि नॉर्थ-ईस्ट देश की जैविक खेती का केंद्र बन सकता है।.