चीन ने अमेरिका को आदेश दिया है कि वह चेंगदू शहर में अपने वाणिज्य दूतावास को बंद करे। इस सप्ताह के शुरू में ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने की प्रतिक्रिया के रूप में यह कदम उठाया गया है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और बिगड़ गए।
चीन ने चेतावनी दी थी कि वह अप्रत्याशित रूप से 72 घंटे के भीतर अपने ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास को खाली करने का आदेश दिए जाने के बाद जवाबी कार्रवाई करेगा। बीजिंग ने वाशिंगटन से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था।
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय कानून, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों और चीन-अमेरिका कांसुलर कन्वेंशन की शर्तों का गंभीर उल्लंघन किया है। इसने चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने चेंगदू में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास की स्थापना और संचालन के लिए अपनी मंजूरी वापस लेने के अपने फैसले के बारे में चीन में अमेरिकी दूतावास को सूचित किया।
अमेरिकी विदेश विभाग और बीजिंग में अमेरिकी दूतावास ने इसके बारे में टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया।
वाशिंगटन और बीजिंग के बीच इस साल व्यापार और प्रौद्योगिकी से लेकर कोरोनोवायरस, दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों और हांगकांग पर उसके दबदबे को बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर रिश्ते खराब हुए हैं।
गुरुवार को एक प्रमुख भाषण में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि वाशिंगटन और उसके सहयोगियों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अपने तरीकों को बदलने के लिए दबाव डालने के लिये "अधिक रचनात्मक और मुखर तरीकों" का उपयोग करना चाहिए।.