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प्रशासन की मदद से लौटने लगी है श्रीनगर के हैंडीक्राफ्ट बाजार की रंगत

प्रशासन की मदद से लौटने लगी है श्रीनगर के हैंडीक्राफ्ट बाजार की रंगत

जम्मू और कश्मीर को अपनी खास संस्कृति और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। विश्वव्यापी महामारी कोरोना की वजह से यहां के हैंडीक्राफ्ट बाजार पर भी बुरा प्रभाव पड़ा था। लेकिन अब घाटी के हैंडीक्राफ्ट बाजार फिर से सजने लगे हैं। हथकरघा कपड़ों और वास्तुकला व्यापार को फिर से पटरी पर लाने के लिए जम्मू और कश्मीर प्रशासन की ओर से श्रीनगर स्थित कश्मीर हाट के नुमाइस गाह में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। कोरोना की वजह से प्रभावित होने वाले बुनकरों और वास्तु कलाकारों को एक ही जगह पर अधिकतम संख्या में ग्राहक उपलब्ध कराना इस प्रदर्शनी का मकसद है।

जे एंड के प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का भी खासा ध्यान रखा जा रहा है। नुमाइस गाह में दुकानदारों को रोटेशन के हिसाब से दुकाने लगाने के लिए अनुमति दी गई है। प्रशासन की ओर लोगों से अपील की गई है कि वो इस प्रदर्शनी में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे और स्थानीय चीजों को खरीदें।

हाथ से बनी चीजों में पशमीन शॉल, रेशम की कालीन, सोजनी एंब्रोयडरी, तांबे की बनी चीजें, जरी युक्त फेरन आदि चीजें लोगों को काफी आकर्षित कर रही हैं। एक स्थानीय कलाकार उमर अहमद ने कहा, पूरी दुनिया उम्मीद पर टिकी है। कोरोना ने हमारे बिजनेस को बर्बाद कर दिया। हम जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शुक्रगुजार हैं कि उनकी ओर से इस मेले का आयोजन किया गया। उम्मीद है कि इस पहले से हमारा व्यापार फिर से चल सकेगा।

फयाज अहमद जो पहली बार कश्मीर हाट आए उन्होंने कहा, मैंने मेले में कुछ बैग खरीदे। किफायती दाम में हमें अच्छी डिजाइन का बैग मिला। मेरे लिए ये काफी अच्छा अनुभव रहा।

श्रीनगर के जिला कलेक्टर शाहिद इकबाल चौथरी ने कहा, स्थानीय कलाकारों को प्रमोट करने के लिए ये एक अच्छा प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है। आने वाले समय में और भी कलाकारों को इसका लाभ मिल सकेगा। हमने वोकल फॉर लोकल थीम को केंद्र में रखते हुए इस मेले का आयोजन किया। स्थानीय कलाकारों ने ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट के साथ इस प्रदर्शनी में समझौता किया है। जिसके माध्यम से स्थानीय चीजों को ऑनलाइन भी प्राप्त किया जा सकता है।.