Hindi News

indianarrative

पुलवामा हमले पर राजनीति करने वालों पर बरसे पीएम मोदी

पुलवामा हमले पर राजनीति करने वालों पर बरसे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया से संबोधन करते हुए पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान की संसद में हुए कबूलनामे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विपक्षी राजनीतिक दलों से देश विरोधी ताकतों के हाथों में न खेलने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज हम 130 करोड़ देशवासी मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं जो सशक्त भी हो और सक्षम भी हो। जिसमें समानता भी हो, और संभावनाएं भी हों। आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए, आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, सीमाओं पर भी भारत की नजर और नजरिया अब बदल गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज यहां जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था, तो मन में एक और तस्वीर थी। ये तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे। वो पुलवामा हमले में अपना राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे।"
<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="en">India pays homage to Sardar Patel. Watch from Kevadia. <a href="https://t.co/nU3CKUHygg">https://t.co/nU3CKUHygg</a></p>
— Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1322383096046473216?ref_src=twsrc%5Etfw">October 31, 2020</a></blockquote>
<script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "देश भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए। देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी।"

प्रधानमंत्री मोदी बोले, "पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है। उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति इसका बड़ा उदाहरण है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीतिक दलों से आग्रह करते हुए कहा, "देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए जाने-अनजाने आप देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें ये हमेशा याद रखना है कि हम सभी के लिए सर्वोच्च हित- देशहित है। जब हम सबका हित सोचेंगे, तभी हमारी भी प्रगति होगी, उन्नति होगी।े.