भारत को पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी को धन्यवाद देना चाहिए। पिछले एक साल में भारत ने पुलवामा हमला और उसके लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े सबूतों के साथ कई डोजियर पाकिस्तान को भेजे थे, जबकि हर बार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी का यह बयान आता रहा कि भारत ने कोई सबूत नहीं दिया है। लेकिन दो दिन पहले 29 अक्टूबर को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के जिम्मेदार मंत्री फवाद चौधरी ने खुद ही सारे सबूत दे दिये और बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में यह मान लिया है कि पुलवामा हमले के मास्टर-माइंड खुद इमरान खान ही हैं।
दो दिन पहले पाकिस्तानी संसद में बहस के दौरान नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल(एन) के एक सांसद ने इमरान खान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तानी आर्मी चीफ पर तंज कसते हुए कहा था, "जब विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ा गया था तो विदेश मंत्री कुरैशी और पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के पैर कांप रहे थे और माथे पर पसीना था।" इस पर इमरान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी तैश में आ गए और जोश में बोल गए, "इन्होंने असेंबली में झूठ बोला कि कुरैशी साहब की टांगे कांप रही थीं। कह रहे थे कि हिंदुस्तान हमला कर रहा है। हमने हिंदुस्तान को वहां पर घुसकर मारा है जनाब… पुलवामा में जो कामयाबी है वो इमरान खान के नेतृत्व में इस कौम की कामयाबी है। उसके हिस्सेदार आप भी हैं और हम भी सब हैं।"
इसके पहले कि फवाद चौधरी अपने बयान की हकीकत समझते, तीर निकल चुका था। भारतीय एजेंसियां पिछले एक साल में पुलवामा हमले के सबूतों के साथ कई डोजियर पाकिस्तान को सौंप चुकी हैं। जबकि हर बार इमरान खान का कहना था ये सबूत नाकाफी हैं। लेकिन अब तो सच्चाई सामने आ गई कि पुलवामा हमला इमरान खान के नेतृत्व में हुआ था। यह पहला मौका है जब किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का नाम भारत के खिलाफ आंतकवादी हमले में सीधे तौर पर आया है। यह कबूलनामा खुद इमरान खान के करीबी मंत्री ने किया है।
इसके बाद इमरान खान और पाकिस्तानी आर्मी चीफ सकते में है। पाकिस्तानी आर्मी और मीडिया लीपापोती में जुटी है। जबकि पाकिस्तान के जानकारों का मानना है कि "यह बयान संसद में सरकार के मंत्री ने दिया है। लिहाजा वजीर-ए-आजम इमरान खान को संसद में आकर बयान देना चाहिए कि वो पुलवामा हमले के जिम्मेदार हैं या नहीं या फिर अपनी कामयाबी का जश्न मनाएं।"
<img class="wp-image-16431 size-medium" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/10/pakistan-admits-role-in-pulwama-terror-attack-300×300.jpg" alt="Fawad Chaudhry. (Photo: Twitter/@fawadchaudhry)" width="300" height="300" /> फवाद चौधरी ने खुद ही मान लिया है पुलवामा हमले के मास्टर-माइंड खुद इमरान खान ही हैं।यकीनन इमरान खान की यह एक बड़ी कामयाबी है। अब इमरान खान को पूरा ब्यौरा देना चाहिए कि कब, क्यों और कैसे पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी? लगे हाथों अपनी दूसरी उपलब्धियों का भी ब्यौरा दें कि किस तरह वो आतंकवादियों के साथ मिलकर भारत के जम्मू और कश्मीर में हमले करवा रहे हैं। तो इससे भारत की जांच एजेंसियों का बोझ कम हो जाएगा। दरअसल इमरान खान की तारीफ की जानी चाहिए कि किस तरह वो भारत द्वारा लगाए जा रहे सारे इल्जामों को एक के बाद एक कबूल करते जा रहे हैं। इसके पहले पाकिस्तान मान चुका है 26/11 का हमला उसने करवाया था और भारत का मोस्ट वांडेट क्रिमिनल दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में ही है।
इमरान खान सरकार के कबूलनामे ने भारत की विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं का भी मुंह बंद कर दिया है। गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों की बस पर घात लगाकर हमला किया गया था। इस घटना में अर्धसैनिक बलों के 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के जवानों ने इसके जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आधी रात को हमला कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त कर दिया था।
2019 में देश में आम चुनाव हुए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोबारा जीत कर आए। इस साल 14 फरवरी को पुलवामा हमले की बरसी पर विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं ने पुलवामा हमले को राजनीतिक रंग देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल किया था कि "हमले से किसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ? हमले की जांच में क्या निकला? सुरक्षा में चूक के लिए बीजेपी सरकार में किसे जिम्मेदार ठहराया गया? जिसकी वजह से हमला हो पाया।"
नेशनल कांफ्रेस के फारूक अब्दुल्ला ने तो बीजेपी को ही इस हमले का जिम्मेदार बताया था "मोदी साहब को जीतना था इलेक्शन, इसीलिए उन्होंने यह (पुलवामा हमला) किया।"
लेकिन पुलवामा हमले के खुलासे के बाद विपक्षी नेता खामोश हैं। चुप्पी तो पाकिस्तान में भी छाई हुई है। खबर है कि इस घटना के बाद इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा की दो दौर की मीटिंग हो चुकी है।
<img class="wp-image-16436" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/10/pakistan-pulwama-1536×1283-1-300×199.jpg" alt="Imran Khan." width="444" height="295" /> इमरान खान सरकार के कबूलनामे ने भारत के विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं का भी मुंह बंद कर दिया है।पाकिस्तान के इस कबूलनामे ने इमरान सरकार और पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को कठघरे में खड़ा कर दिया है। न केवल दुनिया की नजर में बल्कि पाकिस्तान की जनता की निगाह में भी। जो इमरान खान तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर मुस्लिम देशों की रहनुमाई की बात कर रहे हैं, क्या वो ढकोसला नहीं है। वो आंतकवाद के खिलाफ नहीं, बल्कि आंतक की हर साजिश में शामिल हैं। पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार नहीं बल्कि वो तो आंतक का मास्टर माइंड है।
पाकिस्तान के इस झूठ की पोल खुल गई है कि आंतकवाद के दो पहलू हैं-"स्टेट एक्टर" और "नॉन स्टेट एक्टर"। दरअसल ये दोनों एक ही हैं और इनमें कोई फर्क नहीं है। यही बात बार-बार भारत रेखांकित करता रहा है। यही बात अब दुनिया भी मानने लगी है। शनिवार को फ्रांस की यूरोपियन पार्लियामेंट मेंबर डोमिनिक बिल्दे ने खुलासा किया है कि किस तरह फ्रांस के साथ साथ यूरोपियन यूनियन के दूसरे देशों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान गंभीर खतरा बन गया है। डोमिनिक के मुताबिक पाकिस्तान आतंकवादियों को बड़े पैमाने पर यूरोपियन यूनियन के पासपोर्ट और शेंगेन वीसा मुहैया करवा रहा है।
डोमिनिक बिल्दे ने कहा, "हमारे पास सबूत हैं कि पाकिस्तान जाली पासपोर्ट, वीजा के डाक्यूमेंट्स और दूसरे कागजातों के जरिए आंतकवादियों और अपराधियों की मदद कर रहा है। यूरोपियन यूनियन ने पिछले चार सालों में पाकिस्तान को 4 अरब यूरो की सहायता दी थी। हमें सोचना पड़ेगा कि क्यों उन देशों की मदद कर रहे हैं जो आतंक और आंतकवादियों को बढ़ावा दे रहे हैं? पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के नेतृत्व में यह रैकट चल रहा है। हमें पाकिस्तान जैसे देशों पर पाबंदी लगानी चाहिए।".