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ISRO का इंटेलिजेंट सैटेलाइट-आपदा और दुश्मन की चाल को पहले ही पकड़ लेगा

ISRO Intelligent Satellite

ISRO Intelligent Satellite: भारत इस वक्त हर एक क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। ये वो दौर है जब दुनिया भारत के साथ जुड़ना चाहती है। चाहे अमेरिका हो या फिर जापान, फ्रांस, जर्मनी हर बड़ा से बड़ा और छोटे से छोटा देश इंडिया के साथ भविष्य देख रहा है। आने वाले समय में भारत अंतरिक्ष में राज करेगा। क्योंकि, अब इसरो इंटेलिजेंट सेटेलाइट विकसित (ISRO Intelligent Satellite) करने जा रहा है।

यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी  पृथ्वी पर समय से पहले दे देगा। इसके साथ ही मौसम पूर्वानुमान का भी पता चलेगा। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया है कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ‘इंटेलिजेंट’ भू-समकालिक संचार उपग्रह (ISRO Intelligent Satellite) विकसित कर रहा है। इसे उपभोक्ताओं की जरूरतों के अनुसार फ्रीक्वेंसी और बैंडविड्थ बदलकर पुन: विन्यासित किया जा सकेगा। भारत के इस सैटेलाइट से चीन को एक बार फिर चिढ़न हो रही है। चीन को शक है कि भारत इस सैटेलाइट का उपयोग पड़ोसियों की मिलिट्री एक्टिविटीज की जानकारी हासिल कर सकता है।

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उन्होंने बताया कि भू-समकालिक उपग्रह दूरसंचार, टेलीविजन प्रसारण, उपग्रहों से समाचार संकलन, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी और तलाशी व बचाव अभियानों सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत की संचार जरूरतों को पूरा करते हैं। इसके आगे इसरो प्रमुख ने कहा कि हम आने वाले वर्षों में इंटेलिजेंट उपग्रह विकसित कर लेंगे। उनकी मदद से उपग्रह से किरण पुंजों को उच्च क्षमता वाले रेडियो सिग्नल में बदलकर जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इसके अलावा हम ऐसे एंटीना को आकार देने की स्थिति में भी आ जाएंगे जो इन किरणों को ग्रहण कर सकेंगे।

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इसके आगे एस. सोमनाथ ने बताया कि, भविष्य के उपग्रह जिन्हें हम कक्षा में स्थापित कर रहे हैं, वे उच्च तकनीक क्षमता से युक्त सॉफ्टवेयर संचालित उपग्रह होंगे। हम इसे एक व्यावसायिक उत्पाद के रूप में विकसित करेंगे। हालांकि उन्होंने इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई है कि यह इंटेलिजेंट जीसैट का प्रक्षेपण कब किया जाएगा।