रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संचालित भारत के प्रमुख खुफिया उपग्रह ने चीन के कब्जे वाले तिब्बत के ऊपर से गुजरते हुए चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ठिकानों की अच्छी टोह ली है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि उपग्रह कौटिल्य शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के पास चीनी कब्जे वाले तिब्बत में पीएलए के ठिकानों के ऊपर से गुजरा।
कौटिल्य एक एलईएनटी (इलेक्ट्रॉनिक खुफिया) पैकेज वाला उपग्रह है, जिसकी क्षमता सैन्य उद्देश्यों के लिए उच्च-गोपनीय ऑपरेशन और उसके जरूरी पहलुओं को बारीकी से संरक्षित करने की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्मित यह उपग्रह रेडियो संकेतों की निगरानी करता है जो कि दुश्मन के क्षेत्र में ट्रांसमिशन के सभी स्रोतों की प्रकृति और स्थान का निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में एलएसी पर जारी गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकलने के एक दिन बाद सैटेलाइट तिब्बत के ऊपर से गुजरा है। सूत्रों ने बताया कि देपसांग सेक्टर में चीनी सैनिक तैनात किए गए हैं, क्योंकि सैनिकों को एलएसी के उनके हिस्से में खुदाई करते हुए देखा जा सकता है। पीएलए ने 2013 में भी देपसांग में घुसपैठ की थी।
शुक्रवार को सूत्रों ने कहा कि भारतीय टोही उपग्रह आरआईएसएटी-2 बीआरआई जिबूती में चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी बेस (पीएलएएन) के ऊपर से गुजरा था। यह अड्डा पीएलएएन का पहला विदेशी सैन्य अड्डा है, जिसे भारी लागत पर बनाया गया है। हाल ही में खबरें आई थीं कि तीन चीनी युद्धपोत जिबूती तट के पास तैनात हैं।
हालांकि भारत और चीन लद्दाख गतिरोध पर बातचीत में लगे हुए हैं। जबकि लद्दाख और कश्मीर में अटकलें हैं कि पाकिस्तान और चीन आने वाली सर्दियों के दौरान भारत के खिलाफ दो-मोर्चे की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।.