कोरोना की चुनौतियों के चलते लगभग 7 महीनों के बाद दिल्ली हाट पीतमपुरा में "लोकल के लिए वोकल" थीम के साथ "हुनर हाट" 11 नवम्बर से फिर शुरू हो रहा है। इसमें "माटी, मेटल और मचिया (लकड़ी-जूट के सामान)" के उत्पाद प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे।
केंद्रीय अल्प संख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि दिल्ली हाट, पीतमपुरा में 11 से 22 नवम्बर तक आयोजित होने वाले "हुनर हाट" में मिट्टी से बने अद्भुत खिलौने एवं अन्य आकर्षक उत्पाद, कुम्हार कला की जादूगरी, मेटल से बने विभिन्न उत्पाद और देश के कोने-कोने से लकड़ी, जूट, बेंत-बांस से बने दुर्लभ हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
नकवी ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में देशी उत्पादन की बहुत पुरानी और पुश्तैनी परंपरा रही है, वह लुप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने की अपील ने भारत के स्वदेशी उद्योग में नई जान डाल दी है।
नकवी ने कहा कि देश का हर क्षेत्र, लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपड़े, कागज़, मिट्टी के शानदार उत्पाद बनाने वाले "हुनर के उस्तादों" से भरपूर है। इनके इस शानदार स्वदेशी उत्पादन को मौका-मार्किट मुहैया कराने के लिए "हुनर हाट" बड़ा प्लेटफार्म देने जा रहा है। स्वदेशी उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग के लिए भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से दस्तकारों-शिल्पकारों की मदद की जा रही है। इससे "आत्मनिर्भर भारत" अभियान को और मजबूती मिल रही है।
<img class="wp-image-17450" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/hunar-haat2-1024×381.jpg" alt="hunar haat" width="672" height="250" /> “हुनर हाट” में 100 से अधिक स्टालनकवी ने कहा कि पीतमपुरा में आयोजित हो रहे "हुनर हाट" में 100 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। इस "हुनर हाट" में विभिन्न राज्यों से मिट्टी एवं मेटल से बने खिलौने, असम के ड्राई फ्लावर्स, आंध्रप्रदेश के पोचमपल्ली इक्कट, बिहार की मधुबनी पेंटिंग्स, दिल्ली की कैलीग्राफी पेंटिंग, गोवा से हैंड ब्लॉक प्रिंट, गुजरात से अजरख, जम्मू-कश्मीर से पश्मीना शाल, झारखण्ड से तुसार सिल्क और बेंत-बांस से निर्मित उत्पाद, कर्नाटक से लकड़ी के खिलौने, मध्यप्रदेश से हर्बल उत्पाद, बाघप्रिंट, बटिक, महाराष्ट्र से बांस से निर्मित उत्पाद, मणिपुर से हस्तनिर्मित खिलौने, उत्तर प्रदेश से लकड़ी एवं कांच के खिलौने, आयरन निर्मित खिलौने आदि आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र होंगे। इसके अलावा यहाँ आनेवाले लोग बिहार, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा आदि के लजीज़ पारम्परिक पकवानों का आनंद भी ले सकेंगे।
नकवी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले "हुनर हाट" के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका-मार्किट देने वाला "हुनर हाट" स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का "प्रामाणिक ब्रांड" बन गया है।
<img class="wp-image-17451" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/hunar-haat3.jpg" alt="hunar haat" width="525" height="358" /> माटी, मेटल और मचिया (लकड़ी-जूट के सामान)” के उत्पाद होंगे प्रमुख आकर्षण केंद्रकेंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अभी तक देश के विभिन्न भागों में दो दर्जन से अधिक "हुनर हाट" का आयोजन किया जा चुका है। जिसमें लाखों दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों को रोजगार के अवसर मिले हैं। आनेवाले दिनों में "हुनर हाट" का आयोजन जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, दिल्ली (इंडियागेट), रांची, कोटा, सूरत/अहमदाबाद में होगा।
नकवी ने बताया कि "हुनर हाट" में प्रदर्शित सामान को ऑनलाइन खरीदने की भी सुविधा दी जा रही है। यह "हुनर हाट" इ-प्लेटफार्म एवं वर्चुअल प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध होगा। नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए "हुनर हाट" में सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य दिशा-निर्देशों का पूरी मुस्तैदी से पालन किया जायेगा। पुनः शुरू होने जा रहे "हुनर हाट" से देश के लाखों स्वदेशी विरासत के उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों में उत्साह और ख़ुशी का माहौल बन गया है।.