अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने चीनी कंपनियों पर 'प्रतिबंध के आदेशों' की ऐसी बमबारी की है चाइना टेलिकॉम और चाइना मोबाइल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं। चीन की 31 कंपनियां ट्रंप के आदेशों से बुरे हाल में हैं। दरअसल ट्रंप जाते-जाते चीन को आर्थिक तौर पर बर्बाद कर देना चाहते हैं ताकि चीन अमेरिका के खिलाफ बोलने या करने से पहले सौ बार सोचे। ट्रंप ने कहा है कि चीन की जिन 31 नई कंपनियों में चीनी इंवेस्टमेंट को प्रतिबंधित किया है उनकी मालिक शी जिनपिंग की आर्मी पीएलए यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी है या फिर वो पीएलए के नियंत्रण में काम कर रही हैं।
ट्रंप ने इस कार्यकारी आदेश पर दो दिन पहले ही हस्ताक्षर किए हैं। इस आदेश के मुताबिक कम्युनिस्ट चीनी सेना की कंपनियों में किसी भी रूप में निवेश करने वाली प्रतिभूतियों की खरीद पर प्रतिबंध लगाया गया है।
ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में कहा कि चीन संसाधन हासिल करने के लिए अमेरिकी पूंजी का तेजी से दोहन कर रहा है और अपनी सेना, खुफिया सेवा, और अन्य सुरक्षा जरूरतों का विकास और आधुनिकीकरण कर रहा है तथा जिससे अमेरिकी सेना को सीधे चुनौती दी जा सकती है।
यह आदेश 31 चीनी कंपनियों पर लागू है, जिनके बारे में ट्रंप का कहना है कि इनसे चीन की सेना के विकास और आधुनिकीकरण में मदद मिल रही है और ये सीधे अमेरिकी सुरक्षा को खतरा है।
चीन की प्रतिबंधित कंपनियों में स्मार्टफोन निर्माता हुआवेई और वीडियो निगरानी उपकरण बनाने वाली कंपनी हिकविजन शामिल हैं।
इसके अलावा इस सूची में चाइना टेलीकॉम और चाइना मोबाइल भी हैं, जो न्यूयॉर्क शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं।
ट्रंप ने कहा कि ये कंपनियां अमेरिकी निवेशकों को प्रतिभूतियां बेचकर पूंजी जुटाती हैं और चीन ने अपने सैन्य विकास और आधुनिकीकरण के लिए अमेरिकी निवेशकों का शोषण किया।.