पाकिस्तान (Pakistan) एक ओर बंद पड़े सीपेक को एक बार फिर से चीन से कर्जा मांग रहा है तो वहीं दूसरी ओर सीपेक (CPEC) की बर्बादी का ठीकरा भारत पर फोड़ने का स्वांग कर रहा है। पाकिस्तान, चीन (China) से कर्जा बढ़ाने के लिए औपचारिक चिट्ठी लिख रहा है, इसी बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्यापा किया कि सीपेक को बर्बाद करने के लिए भारत हमले करवा सकता है।
पाकिस्तान ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के मेनलाइन-1 प्रोजेक्ट के पैकेज-1 के निर्माण के लिए चीन से 2.7 अरब डॉलर का कर्ज मांगने का फैसला किया है। पाकिस्तान की ओर से चीन (China) से यह कर्ज उस वक्त मांगा जा रहा है कि जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही दिवालिया होने के कगार पर खड़ी है। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी ने वित्तीय संकट को और गंभीर बना दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया ने सरकारी अधिकारियों का हवाला देते हुए अपनी खबर में कहा कि मेनलाइन-1 परियोजना पर वित्तपोषण समिति की छठी बैठक में फैसला किया गया है कि पाकिस्तान चीन से शुरुआती तौर पर, 6.1 अरब डॉलर की चीनी फंडिंग में से सिर्फ 2.73 अरब डॉलर के कर्ज को स्वीकृति देने का अनुरोध करेगा। एमएल-1 परियोजना में पेशावर से कराची तक 1,872 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का अपग्रेडेशन और दोहरीकरण शामिल है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने अगले हफ्ते चीन को औपचारिक आशय पत्र (Letter Of Intent) भेजने का फैसला किया है, चूंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन अगले वर्ष के वित्तपोषण योजना को इस महीने के अंत तक अंतिम रूप दे सकता है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक "इस साल अप्रैल में पाकिस्तान ने चीन से कर्ज के लिए एक टर्म शीट पर साइन किया था, जिसके तहत एक प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज देने की मांग की गई थी। हालांकि, चीन की ओर से अब तक औपचारिक रूप से कोई जवाब नहीं दिया गया है।" उन्होंने कहा, "अनौपचारिक रूप से चीनी अधिकारियों ने कहा कि ब्याज दर टर्म शीट में उल्लेखित दर से ज्यादा होनी चाहिए।".