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अब भारत के पास जल्द होगा अपना रक्षा कवच, DRDO का पहला परीक्षण रहा सफल

DRDO ने किया सफल परीक्षण

भारत इस समय अपनी सुरक्षा को लेकर काफी ज्यादा चौकना हो गया है और हर दिन इसपर काम कर रहा है। नई-नई तकनीक को अपने सुरक्षा बेड़े में शामिल कर रहा है। साथ ही नए मिसाइल, रॉकेट, आधुनिक कैमरे, बंदूक इत्यादि को लेकर लगातार काम कर रहा है। इतना ही नहीं पिछले कुछ सालों में भारत की डिफेंस काफी मजबूत हुई है, जिसके चलते भारतीय सेना सीमा पर चीन और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। अब भारत ने इंटरसेप्ट लॉन्ग रेंज मिसाइल का सफल परीक्षण कर मिसाइल कवच की ओर बड़ा कदम बढ़ा दिया है। वैसे ये परीक्षण कुछ आसान नहीं था। बावजूद इसके भारत को लॉन्ग रेंज की इस मिसाइल को टेस्ट करने में सफलता मिली है। खास बात DRDO ने इस तरह का टेस्ट किया है। इसका नाम AD-1 है। ये एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है, जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ हवाई जहाजों के कम एक्सो-वायुमंडलीय और एंडो-वायुमंडलीय अवरोधन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस मिसाइल को ऐसे डिजाइन किया गया है कि यह वायुमंडल की ऊपरी सतह और निचली सतह दोनों ही जगह बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic missile) और फाइटर प्लेन को धराशायी कर सके। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बहुत ही अनोखी मिसाइल है। इसमें आधुनिक तकनीक उपलब्ध है जो कि बहुत कम देशों के पास है। जानकारी के मुताबिक वायुमंडल के बाहर वार करने में भी यह मिसाइल सक्षम है। यह बलिस्टिक मिसाइल के सामने बहुस्तरीय सुरक्षा प्रदान करेगी।

DRDO ने टेस्ट की एडी-1 मिसाइल;

बुधवार को डीआरडीओ ने ओडिशा तट से फ़ेज- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने इस परीक्षण पर आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 02 नवंबर को ओडिशा के तट के पास स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल ऐल्टिट्यूड ब्रैकेट के साथ फ़ेज- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी -1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया। उड़ान-परीक्षण विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित सभी बीएमडी हथियार प्रणाली तत्वों की भागीदारी के साथ किया गया।

रक्षामंत्री ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण से जुड़ी डीआरडीओ और अन्य टीम को बधाई दी। मंत्रालय के अनुसार रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इससे देश की बीएमडी क्षमता और मजबूत होगी। DRDO के अध्यक्ष समीर वी कामत ने सफल परीक्षण पर अपनी टीम को बधाई दी और कहा कि इस इंटरसेप्टर में कई अलग-अलग प्रकार के लक्ष्यों को जोड़ने की क्षमता है।

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ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर दूसरे चरण के परीक्षण में मिसाइल का सफल टेस्ट हो पाया। मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि कई जगहों पर वेपन सिस्टम लगाकर इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था। भारत दो चरणओं में बीएमडी प्रोग्राम चला रहा है। पहला चरण पूरा हो गया है और दूसरा जारी है। दूसरे चरण में लॉन्ग रेंज इंटरसेप्ट सिस्टम पर ही काम चल रहा है। एडी-1 मिसाइल दो स्टेज के सॉलिड मोटर से लैस है। इसमें अडवांस कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा टारगेट करने के लिए नेविगेशन और गाइडेंस बहुत ही उच्च श्रेणी का है।