तुर्की के बायकर टीबी2 ड्रोन (Bayraktar)ने इन दिनों गदर मचा रखा था। अजरबैजान और अर्मेनिया की जंग हो या फिर सीरिया या हाल ही में यूक्रेन-रूस की जंग में रूसी आर्मी को कीव का घेरा तोड़ने पर मजबूर करने वाला कोई हथियार था तो वो यही बायकर टीबी2 ड्रोन (Bayraktar) है। इस ड्रोन की ताकत और क्षमता को देखकर गदगद हुए पाकिस्तान ने तुर्की से धड़ाधड़ बायकर टीबी2 (Bayraktar) ड्रोन खरीद डाले। पाकिस्तान ने सोचा कि जब यूक्रेन जैसा देश रूस पर भारी पड़ सकता है तो इसके आगे इंडियन फौज गुलाम कश्मीर को वापस लेने की कोशिश भी नहीं करेगा। लेकिन भारत के डीआरडीओ ने तपस (TAPAS) ड्रोन बनाकर खलबली मचा दी है।
जबकि सच्चाई यह है कि भारत के डीआरडीओ ने पहले से ही कॉम्बेट-सर्विलॉंस ड्रोन पर काम करना शुरू कर दिया था। हाल ही में डीआरडीओ ने जानकारी दी है कि भारत ने बायकर टीबी2 ड्रोन का बार तपस बीच 201 तैयार कर लिया है। 80 ड्रोन्स का प्रोडक्शन किया जा रहा है। साथ ही इसको और घातक बनाया जा रहा है। तपस बीएच 201 ड्रोन 350 किलोग्राम के पेलोड के साथ उड़ान भर सकता है और 24 घण्टे तक आसमान में 35 हजार किलोमीटर ऊपर से दुश्मन पर निगरानी और सटीक हमला कर सकता है। इसकी रफ्तार 224 किलोमीटर प्रतिघण्टा है। यह अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन की तरह घातक है।
बायकर टीबी-2 ड्रोन को तुर्की की कंपनी बायरकटार डिफेंस बनाती है। यह तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान के दामाद सेल्कुक बायरकतार की कंपनी है। बायकर TB2 ड्रोन को तुर्की के अलावा कई देशों की सेना इस्तेमाल कर रही है। जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है। तुर्की ने इराक और सीरिया में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) और पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के ठिकानों पर हमले में बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
बायकर टीबी-2 ड्रोन रेडियो गाइडेड होने की वजह से 4000 किमी के रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है। लेकिन तपस बीएच 201 के मुकाबले यह काफी कमजोर ड्रोन हैय़ यह ड्रोन मात्र 150 किलोग्राम के हथियारों के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। जबकि तपस बीएच 300 किलोग्राम वजन के पेलोड के साथ 35 हजार फीट ऊपर से हमला कर सकता है। बायकर TB2 ड्रोन 130 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 222 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड से उड़ान भर सकता है। जबकि तपस बीएच 201 इससे कहीं तेज उड़ान भरता है। बायकर ड्रोन कुल 700 किलोग्राम के भार के साथ उड़ सकता है। जबकि तपस बीएत 201 1800 सौ किलोग्राम के साथ 35 हजार फीट ऊपर आसमान में मंडरा सकता है। जबकि बायरकर TB218000 से 25000 फीट की ऊंचाई पर ही उड़ान भरने में सक्षम है।