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भारत का आरोपः महामारी के बीच आतंकवाद और धार्मिक घृणा फैला रहे कुछ देश

भारत का आरोपः महामारी के बीच आतंकवाद और धार्मिक घृणा फैला रहे कुछ देश

पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए भारत ने कहा कि कुछ देश धर्म के आधार पर दुनिया के अन्य हिस्सों में "विभाजनकारी नफरत" फैलाने के लिए मौजूदा COVID-19 महामारी का लाभ उठा रहे हैं। साथ ही निर्दोष लोगों की हत्याओं के लिए सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन जारी रखे हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र से "निर्णायक रूप से अपनी बात कहने" का आग्रह किया। तिरुमूर्ति ने "धर्मों के समूह में एक या दूसरे का पक्ष लेने या किसी भी तरह से आतंकवाद का औचित्य साबित करने" और कुछ विशेष देशों से फैल रहे आतंकवाद, नफरत और धर्म के आधार पर दुनिया को विभाजित करने की गतिविधियों को बंद करने की अपील की।

विश्व यहूदी कांग्रेस में टी.एस. तिरुमूर्ति ने यहूदी विरोध (antisemitism ) के बारे में बताते हुए इज़राइली बच्चे मोशे होल्ट्ज़बर्ग के मामले पर प्रकाश डाला। जिसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में अपने भारतीय केयरटेकर द्वारा बचाया गया था। जबकि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने उसके माता-पिता दोनों को मार डाला था।

तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत दुनिया में कहीं भी धार्मिक आधार पर भेदभाव की सभी रूपों की निंदा करता है। उन्होंने कहा, "भारत दुनिया में कहीं भी सभी प्रकार के धार्मिक भेदभाव के सभी रूपों की निंदा करता है। इस कोरोना महामारी का लाभ उठाने वाले भी देश हैं, और वे धर्म के आधार पर दुनिया के अन्य हिस्सों में विभाजनकारी नफरत फैला रहे हैं। कोविड-19 ने उनको धार्मिक घृणा फैलाने और निर्दोष लोगों को मारने के लिए सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने से नहीं रोका है।"

एंटी-सेमेटिज्म को रोकने के लिए विश्व यहूदी कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तिरुमूर्ति ने कहा "भारत में 2,000 से अधिक वर्षों से एक संपन्न यहूदी समुदाय रहता है। यहूदी समुदाय भारत के बहुलवादी समाज का एक अभिन्न अंग है और वे इस समाज को उतना ही समृद्ध करते हैं, जितना कि भारतीय सभ्यता नामक इस नदी में कोई अन्य समुदाय।".