Som Pradosh Vrat:-हिंदू पंचांग के मुताबिक हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। आज 21 नवंबर 2022, सोमवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसे सोम प्रदोष कहा जाता है। आज मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और अगहन मास के प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। साथ ही आज सोम प्रदोष व्रत पर आयुष्मान योग और सौभाग्य योग बनने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
सोम प्रदोष व्रत 2022 का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 नवंबर, सोमवार की सुबह 10 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ होगी और 22 नवंबर, मंगलवार की सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। सोम प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त आज 21 नवंबर की शाम 05 बजकर 25 मिनट से रात 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। वहीं आयुष्मान योग सूर्योदय से लेकर रात 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।साथ ही सौभाग्य योग रात 09 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर कल तक रहेगा।
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सोम प्रदोष पर पढ़ें कथा और मंत्र
सोमवार और प्रदोष व्रत दोनों ही भगवान शिव जी को समर्पित हैं। ऐसे में इस दिन किए गए पूजा-पाठ और व्रत का कई गुना ज्यादा फल मिलता है। शिव जी की विधि-विधान से की गई पूजा हर मनोकामना पूरी करती है। इसलिए आज सोम प्रदोष के व्रत में सोमवार व्रत कथा और शिव चालीसा जरूर पढ़ें। इसके अलावा भगवान शिव के कुछ खास मंत्रों का जाप बहुत लाभ देगा।
सोम प्रदोष व्रत पर करें इन शिव मंत्रों का जाप
महा मृत्युंजय मंत्र: ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।’
सोम प्रदोष व्रत के दिन महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत प्रभावी फल देता है। आज शिव जी की पूजा के बाद कम से कम 108 बार महा मृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें।
शिव गायत्री मंत्र: ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!’
शिव गायत्री मंत्र भगवान शिव को समर्पित बेहद प्रभावी मंत्र है। इस मंत्र का जाप ना केवल प्रदोष व्रत के दिन बल्कि रोज करना चाहिए। इससे शिव जी की अपार कृपा होती है और सारे संकट दूर होते हैं।