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जामिया के प्रो. इमरान अली : अमेरिका की 'हाइली साइटेड रिसर्चर्स' लिस्ट में शामिल

जामिया के प्रो. इमरान अली : अमेरिका की 'हाइली साइटेड रिसर्चर्स' लिस्ट में शामिल

<strong>जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia)</strong> के <strong>केमिस्ट्री विभाग (Chemistry Department)</strong> के <strong>प्रो. इमरान अली</strong> ने एक बार फिर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। अमेरिका के क्लैरिवेट पीएलसी द्वारा जारी<strong> हाइली साइटेड रिसर्चर्स ('Highly Sighted Researchers' list)</strong> <strong>2020</strong> की प्रतिष्ठित सूची में उनका नाम शामिल किया गया है। इससे पहले अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने जामिया के प्रोफेसर इमरान अली को भारत में विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान का नंबर एक वैज्ञानिक घोषित किया है। एंटी कैंसर दवाओं की खोज के लिए प्रोफेसर इमरान अली को विश्व भर में जाना जाता है।

एचसीआर उन शोधकर्ताओं को अपनी इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल करता है, जिनका पिछले दशक के दौरान उनके अध्ययन के क्षेत्र में किए गए कार्यों का दुनिया की कई जानी-मानी विज्ञान पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। क्लैरिवेट के मुताबिक इस सूची में उन शोधकर्ताओं को शामिल किया जाता है, जो ऐसे शीर्ष एक प्रतिशत लोगों में शामिल हैं, जिनके शोध कार्य वेब ऑफ साइंस साइटेशन इंडेक्स में छपे हों। इस साल की 'हू इज हू' सूची में 60 देशों के 6,167 शोधकर्ताओं के नाम शामिल हैं, जिनमें 26 नोबेल पुरस्कार विजेता हैं।

जामिया की कुलपति, प्रो. नजमा अख्तर ने, प्रो. अली को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी। अपने बधाई संदेश में उन्होंने कहा, "इस प्रतिष्ठत सूची में न सिर्फ आपका नाम देखकर मुझे खुशी हुई है, बल्कि आपकी वजह से जामिया मिलिया इस्लामिया का नाम भी दुनिया के बेहतरीन संस्थानों और विश्वविद्यालयों में शामिल हुआ है।"

जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा, "प्रो. इमरान अली, गूगल साइटेशन में ऐसे सबसे गुंजायमान और सक्रिय प्रोफेसर में से एक हैं, जिनके शोध कार्यो को बार बार देखा जाता है। उनका वैज्ञानिक प्रोफाइल बहुत ही आला दर्जे का है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी बहुत प्रतिष्ठा है। वह मुख्यत मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च में अनुसंधान करते हैं। जिनमें इन्वायरनमेंट, अनालिटिकल,आर्गेनिक और वाटर केमिस्ट्री पर उनका खास जोर है। फार्मास्युटिकल और एक्सनोबायोटिक्स विश्लेषण पर भी उनके खास अनुसंधान हैं।"

वह क्रोमैटोग्राफी और कैपिलरी इलेक्टोफोरेसिस के क्षेत्र में भारत में एक अग्रणी शोधकर्ता हैं। वह एक विश्वस्तर के मान्यता प्राप्त शिक्षाविद् और शोधकर्ता हैं। उनके शोधकार्यो के 450 से ज्यादा प्रकाशन हैं, जिनमें कई पेटेंट, किताबें, तकनीकी रिपोर्ट और सम्मेलनों में दी गई प्रस्तुतियां शामिल हैं।.