सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पाकिस्तान पाकिस्तान से लगी 3300 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरंग का पता लगाने के लिए चौकसी एवं निगरानी और बढ़ा दी है। बीएसएफ के अधिकारियों ने पंजाब, गुजरात, जम्मू और राजस्थान की सीमा के करीब गांव वालों को भी अलर्ट कर इस अभियान में शामिल किया है। गांव वालों को कहा गया है कि अगर कोई हलचल हो तो फौरन गश्ती दल को सूचित करें।
पिछले गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर हाइवे के पास नगरोटा टोल प्लाजा के पास मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के मारे गए 4 आतंकवादियों ने सांबा सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास से ही भारत में घुसपैठ की थी। अधिकारियों का मानना है कि सांबा सेक्टर में सीमा के पास मिली 200 मीटर लंबी सुरंग के जरिए ही इन आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की थी। सुरंग में खाने-पीने की चीजें मिलीं, जिन पर मेड-इन-पाकिस्तान का स्टांप लगा हुआ था।
नगरोटा हमले को लेकर सबूतों के हवाले से बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। मारे गए 4 आतंकियों से बरामद मोबाइल से पाकिस्तानी हैंडलर के साथ बातचीत के सबूत मिले हैं। जिनसे इस बात का खुलासा हुआ है कि मारे गए आतंकवादी <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/hafiz-saeed-arrest-release-repeat-financial-action-task-force-fatf-global-terrorist-18450.html"><strong>जैश-ए-मुहम्मद</strong></a> के सरगना मसूद अजहर के भाई (रऊफ) अब्दुल असगर के संपर्क में थे। मारे गए आतंकवादियो से बरामद मोबाइल फोन और उसमें पाक हैंडलर के चैट संदेश का सूत्रों के हवाले से खुलासा हुआ है। मसूद अजहर का भाई असगर पिछले एक हफ्ते से जम्मू के कठुआ जिले के सीमा पार पाकिस्तान के शक्करगढ़ पोस्ट इलाके में देखा गया था। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चीजें भी बरामद की गई हैं। इनमें पाकिस्तान में निर्मित वायरलेस, क्यू-मोबाइल सेट, डिजिटल मोबाइल रेडियो, जीपीएस जैसी चीजें शामिल हैं।
<h2>जैश सरगना मसूद अजहर का भाई नगरोटा कांड का मास्टरमाइंड</h2>
मसूद अजहर का भाई रऊफ अब्दुल असगर पुलवामा हमले में आरोपी है। यही नहीं 1999 में जम्मू जेल में बंद मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए उसके भाई रऊफ असगर ने ही भारतीय यात्री एयरप्लेन <strong>IC814</strong> को हाईजैक का प्लान बनाया था। भारत के डोजियर में इसका नाम भी शामिल है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का सरगना मसूद अजहर गुर्दे की बीमारी से जूझ रहा है और महीनों से बिस्तर पर पड़ा है। इस बीच उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर ने आतंकी संगठन की बागडोर संभाल ली है। मुफ्ती अब्दुर रऊफ बहावलपुर में जैश के मदरसे का इंचार्ज है।
<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="hi">बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी। जम्मू के सांबा में खोज निकाली पाकिस्तान की आतंकी सुरंग। <a href="https://twitter.com/BSF_India?ref_src=twsrc%5Etfw">@BSF_India</a> <a href="https://twitter.com/jkpsfc?ref_src=twsrc%5Etfw">@jkpsfc</a> <a href="https://twitter.com/ZPHQJammu?ref_src=twsrc%5Etfw">@ZPHQJammu</a> <a href="https://t.co/IpvAUQrLvW">pic.twitter.com/IpvAUQrLvW</a></p>
— इंडिया नैरेटिव (@NarrativeHindi) <a href="https://twitter.com/NarrativeHindi/status/1330551424493621248?ref_src=twsrc%5Etfw">November 22, 2020</a></blockquote>
<script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
भारतीय वायु सेना ने 28 फरवरी को पाकिस्तान के बालकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था। इसके बाद से मसूद अजहर भूमिगत हो गया था। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई ने मसूद के भाई रऊफ असगर को जम्मू-कश्मीर में जैश की गतिविधियों को आगे बढ़ाने को कहा है। <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/peacemaker-imran-khan-kabul-terrorist-attack-bloodshed-increases-18681.html"><strong>कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है।</strong></a> लेकिन और कुछ न कर पाने की स्थिति में आतंकी हमलों का सहारा ले रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (<strong>NIA</strong>) की पुलवामा हमले को लेकर चार्जशीट में पुलवामा हमले में जैश सरगना मसूद अजहर और उसके भाई को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। सजिश पाकिस्तान के बहावलपुर में रची गई थी और मसूद अजहर वहीं से हमले को ऑपरेट कर रहा था। चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी पुलवामा के बाद दूसरा हमला भी करने वाले थे।
<h2>सीमा पार लॉन्चिंग पैड्स पर जमा हैं सैकड़ों आतंकी</h2>
भारतीय इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में नियंत्रण रेखा (<strong>LOC</strong>) पर भारी बर्फबारी और कड़ी निगरानी के चलते पाकिस्तान ने जम्मू की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। भारतीय सेना के <strong>GOC,</strong> <strong>Counter Insurgency Force (CIF) Kilo,</strong> एच.एस. साही के मुताबिक <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/pakistan-university-of-jihad-darul-uloom-haqqania-taliban-18238.html"><strong>करीब 300 आंतकवादी कश्मीर में नियंत्रण के पास अलग-अलग ठिकानों पर जमा हैं।</strong></a> ये सभी आतंकी भारत में घुसपैठ करने की फिराक में हैं।
कश्मीर में सेना और बार्डर पर बीएसएफ की मुस्तैदी के कारण कश्मीर सीमा से आतंकियों को भेजना संभव नहीं हो पा रहा था। इसीलिए पाकिस्तान ने आंतकवादियों को घुसपैठ कराने के लिए सुरंगों का सहारा लिया है। बीएसएफ के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ 7-8 फीट ऊंची घास का जंगल बना हुआ है। इसकी आड़ लेकर आतंकवादी पाकिस्तानी फौज की मदद से सुरंग बनाते हैं, जो दूसरी तरफ भारत की सीमा में निकलती है। ये सुरंगे 150 से 200 मीटर लंबी होती हैं। जिन्हें खोदने में 10 घंटे से भी कम का समय लगता है।
अमूमन सुरंग खोदने का काम देर शाम शुरू होता है और तड़के आतंकवादी 3-4 बजे भारतीय में घुसपैठ कर लेते हैं। कई बार ड्रोन के जरिए हथियार, गोल बारुद भी आतंकवादियों को भेजा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत पाकिस्तान को अपनी सीमा पर लंबी ऊंची घास को काटना जरूरी है ताकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नो मैन्स लैंड, दोनों देशों के सुरक्षाबलों को साफ नजर आ सके। लेकिन बार-बार ताकीद करने के बावजूद ने पाकिस्तान ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
<h2>इस साल अब तक 4 सुरंगों का पता चला</h2>
इस साल भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने अब तक 4 सुरंगों का पता लगाया है और कई ड्रोन्स को मार गिराया है। पिछले महीने सीमा सुरक्षा बल ने जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरंग का पता लगाया था । गौरतलब है कि इन सुरंगों के जरिए भारतीय सीमा में घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों के लिए इनके इस्तेमाल की बात सामने आई थी। अधिकारियों के मुताबिक, सभी सुरंगे पाकिस्तानी चैकियों के पास से खोदी गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि,"जब आतंकवादी पाकिस्तानी सीमा में सुरंग खोद रहे होते हैं, तब उसका पता लगाना मुश्किल होता है। ऐसा सिर्फ मशीनों के जरिए संभव है। ऐसी मशीनें इजरायल और गाजा और अमेरिका और मेस्किको की सीमा पर सुरंग का पता लगाने के लिए इस्तामाल हो रही हैं। भारत में भी डीआरडीओ और दूसरी संस्थाएं इस पर काम कर रही हैं।" बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान की सीमा के लिए सरकार ने <strong>CIBMS (Comprehensive Integrated Border Management System)</strong> शुरू किया है।
इस बीच सोमवार को भारतीय <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/imran-khan-kabul-visits-peace-taliban-ashraf-ghani-18346.html"><strong>विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी देशों के राजदूतों के साथ दूसरे देशों के राजदूतों को सबूतों के साथ बताया कि कैसे घटना के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।</strong></a> हथियारों से पता चला कि ये सभी पाकिस्तान से चल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे। सचिव ने कहा कि सांबा सेक्टर में मिली सुरंग से साफ है कि आतंकी कैसे भारत में दाखिल होना चाहते थे। जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने की बड़ी योजना का हिस्सा पाकिस्तान रहा है। भारत ने अपनी चिंता से अवगत कराया कि कैसे पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लगातार अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है और वहां होने वाले स्थानीय चुनावों के दौरान खून खराबा करने की साजिश कर रहा है।.