ब्रिटेन और रूस के बाद भारत में जल्द ही COVID19 वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। ब्रिटेन में फाइजर के इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है और यह अगले हफ्ते से उपलब्ध होगी। इस बीच, भारत भी दिसंबर के अंत तक या अगले साल के शुरुआती महीने में <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/covid-vaccin-clinical-trial-of-sputnik-v-started-in-india-19920.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">देसी वैक्सीन</a> मुहैया करा देगा। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया, उन्हें आशा है कि इस महीने के आखिर से लेकर अगले महीने के शुरू में कोविड-19 वैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी मिल सकती है।
उन्होंने कहा, हमारे पास ऐसे वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अंतिम स्टेज में हैं। उम्मीद है कि भारतीय नियामक इसके इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे देगी। इसके बाद हम लोगों को वैक्सीन देना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, हमारे पास इस बात को साबित करने के लिए ज्यादा डेटा है कि ये वैक्सीन सेफ हैं। वैक्सीन सेफ्टी से कोई समझौता नहीं किया गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/COVID-19_vaccine" target="_blank" rel="noopener noreferrer">Covishield Vaccine</a> पर चेन्नै के एक वालंटियर साइड इफेक्ट का आरोप लगाते हुए 5 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की थी। हालांकि कंपनी ने इससे इनकार किया था। वहीं, गुलेरिया ने बताया, 70-80 हजार वालंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई है और किसी पर इस वैक्सीन के गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिले हैं और वैक्सीन सेफ है।.