Hina Rabbani on India-Pakistan: ये भारत ही है जो हमेशा से पाकिस्तान के साथ दोस्ता का हाथ बढ़ाया है। लेकिन, बदले में उसने क्या दिया है? कभी कारगिल वॉर तो कभी पुलावामा में CRPF जवानों पर हमला तो कभी ऊरी अटैक तो कभी जम्मू कश्मीर में आतंकी हमला और जिहाद। पाकिस्तान की एक ही फितरत रही है वो है पीठ में खंजर घोंपना। पाकिस्तान (Pakistan and India Relation) ने कभी चाहा ही नहीं की भारत के साथ उसके रिश्ते सुधरे। अब जब देश महाकंगाल हो गया है तो भारत की याद आनी शुरू हो गई है। लेकिन, यहां भी वो दोमुंही बातें कर रहा है। कभी वो कहता है कि, हम शांति वार्ता चाहते हैं तो फट से अपना बयान पलटते हुए कहता है कि, जम्मू-कश्मीर से जबतक अनुच्छेद 370 नहीं हटेगा तबतक बातचीत नहीं होगी। अरे बातचीत के लिए मरे कौन जा रहा है, आप। भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म नहीं करेगा तबतक उसके साथ कोई वार्ता नहीं होगी। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इन दिनों बुरी तरह से खंडहर बनते जा रही है। मुल्क बर्बाद हो गया है। इसी बीच एक अफहावें उड़ने लगी कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत हो रही है। इसी पर पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार (Hina Rabbani on India-Pakistan) ने जवाब दिया है। हिन्ना रब्बानी (Hina Rabbani on India-Pakistan) का कहना है कि, जब से शहबाज शरीफ सरकार सत्ता में आई है, तब से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बैक चैनल कूटनीति नहीं हो रही है। इससे पहले दावा किया जा रहा था कि, दोनों देश छिप-छिपतर बातचीत कर रहे हैं। खैर पाकिस्तान की ये स्ट्रेटजी रहती है कि, किसी न किसी विवादों के जरिए वो भारत से जुड़ा रहे। अभी ताजा रिपोर्ट ही है कि, पाकिस्तान आर्मी ने फवाद चौधरी की गिरफ्तारी से जनता को डायवर्ट करने के लिए बयान जारी कर दिया कि, उसने बॉर्डर पर तीन भारतीय सैनिकों को पकड़ा है। जिसपर उसके अपने ही एक अधिकारी ने कहा कि, कुछ तो शर्म कर लो। कब तक इस तरह का दुष्प्रचार कर जनता को भटकाते रहोगे। अब जनता मुर्ख नहीं बनने वाली है। तो पाकिस्तान की हमेशा से झूठ बोलने वाली स्ट्रैटजी रही है।
भारत-पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से चल रही बातचीत पर हिना रब्बानी खार
पाकिस्तान संग भारत ने रिश्ते कई बार सुधारने की कोशिश की लेकिन, बदले में उसने हर बार धोखा दिया। हाल ही में पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार जावेद चौधरी ने ही दावा किया था कि, भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को हल करने के करीब भी पहुंच गए थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि पाकिस्तान के तत्कालीन आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। लेकिन, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान डर के चलते पीछे हट गये थे। अब पाकिस्तानी संसद में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार सत्ता में आई है, तब से पाकिस्तान और भारत के बीच बाकी दुनिया के लिए अनकही कोई बैकचैनल कूटनीति नहीं चल रही है। उन्होंने पाकिस्तानी सांसदों से दो टूक लहजे में कहा कि इस समय, ऐसी कोई बात नहीं चल रही है। रब्बानी ने यह भी कहा किपर्दे के पीछे की कूटनीति तभी जरूरी है, जब उसका कोई परिमाण निकले। रब्बानी का यह बयान पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और मुख्य न्यायधीश उमर अता बंदियाल को मई में गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए भेजे गए निमंत्रण के बाद आया है।
पलटू हैं शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जब सत्ता में आये तो उन्होंने कहा कि, भारत जबतक कश्मीर से अनुच्छेद 370 नहीं हटाता तब तक कोई बातचीत नहीं होगी। बीच-बीच में वो खुब इस तरह का बयान देते रहे हैं। लेकिन, जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर सहित ज्वलंत मुद्दों को हल करने के लिए गंभीर और गंभीर बातचीत करने के लिए कहा था। लेकिन, इसके कुछ ही देर बाद उनका बयान बदल गया। हुआ ये कि, बाद में वो सेना के दबाव में आकर अपने बयान से पलट गए और कश्मीर से 370 हटाने की मांग करने लगे। ये खुद ही डिसाइड नहीं कर पा रहे हैं कि, इन्हें करना क्या है। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान को वार्ता की मेज पर लाने में संयुक्त अरब अमीरात का नेतृत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जिसके बाद UAE ने भी झटका देते हुए कश्मीर में निवेश का प्लान बना लिया।
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