पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत-नेपाल का ऊर्जा और बिजली के क्षेत्र में करीबी बेहद बढ़ी है। यह दोनों देशों के सहयोग बढ़ाने का नतीजा है। हाल के कुछ सालों में दोनों पड़ोसियों ने बिजली और ऊर्जा की मौजूदा जरूरतों के हिसाब से अपनी-अपनी ताकत को पहचाना। इस बीच, मोदी सरकार की पहल से पिछले पांच सालों में भारत-नेपाल ने बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है।
इसी कड़ी में शुक्रवार को दोनों पड़ोसियों ने इंटीग्रेटेड ग्रिड, बिल्डिंग और बार्डर पार बिजली सप्लाई लाइन के साथ-साथ नेपाल के बिजली उत्पादकों को भारत के पावर मार्केट में आने की अनुमति को लेकर बातचीत का गई। इसके लिए एक बैठक का आयोजन हुआ। उसका एक ही मकसद था कि बिजली और ऊर्जा क्षेत्रों के जरिए भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों को किस तरह नए मुकाम पर पहुंचाया जाए।
<h3>बिजली क्षेत्र में नए आयाम गढ़ रहे भारत-नेपाल</h3>
कल हुई 8वीं ज्वाइंट स्टीरिंग कमेटी की बैठक सकारात्मक नतीजों वाला था। भारत-नेपाल के पावर और ऊर्जा सेक्रेटरी विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए। बैठक में मुख्य रूप से नेपाल के बिजली उत्पादकों के लिए आवश्यक कानून और गाइडलाइन बनाने के अलावा बिजली उत्पादकों के लिए भारतीय बाजार, सीमा-पार हाईवोल्टेज ट्रांसमिसन लाइन की जरूरतों को व्यक्त किया गया।
<strong>इस दौरान दोनों देशों ने पावर सेक्टर को मजबूत करने के अपने वादों को दुहराया। ताकि इंटीग्रेटेड ग्रिड, बिल्डिंग और क्रास बार्डर ट्रांसमिसन लाइन की जरूरतों को पूरा किया सके। वहीं, भारत की ओर से नेपाल के हाइड्रो पावर और सोलर पावर प्रोजेक्ट में निवेश की जरूरतों पर जोर दिया गया।</strong>
वहीं, मुजफ्फरपुर-ढालकेबार में दक्षिण एशिया की पहली क्रॉस बॉर्डर 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन के कार्य समापन की बात की गई और गोरखपुर-बुटवल 400 केवी लाइन के लिए फंडिंग मोडिलिटी पर समझौता किया गया। इसके लिए निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
<h3>SJVN लिमिटेड ने 900MW अरुण- III हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट विकसित किया</h3>
SJVN लिमिटेड ने नेपाल में 900MW अरुण- III हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट विकसित किया। इसके विकास कार्यों की भी समीझा की गई। इस बैठक में भारतीय दल की अगुवाई पावर सेक्रेटरी संजीव नंदन सहाय और नेपाली दल को दिनेश कुमार घिमिरे नेतृत्व प्रदान कर रहे थे।.