भारत की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक हुई. पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधि वर्चुअली तरीके से इस बैठक में शामिल हुए. भारत के एनएसए डोभाल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए पाकिस्तान की मौजूदगी में आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
बैठक में डोभाल ने कहा कि किसी भी तरह का आतंकवाद अंतररष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. सभी देशों को आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिद के प्रस्तावों सहित काउंटर टेररिज्म प्रोटोकॉल के प्रति अपने दायित्व को पूरा करना है. आतंकवाद की कोई भी गतिविधि, चाहे उसके पीछे जो भी वजह हो, यह अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अनुचित है. यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है.उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और आईएनएसटीसी के ढांचे के भीतर चाबहार बंदरगाह को शामिल करने की प्रतिबद्धता जताई.
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बता दें कि उत्तर दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर भारत से रूस के बीच का कॉरिडोर है, जो ईरान से होकर गुजरता है. इस कॉरिडोर का उद्देश्य भारत और रूस के बीच ट्रांसपोर्ट की लागत को कम करना है. 7200 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में सड़कें, रेल और समुद्री रास्ता शामिल है.यह कॉरिडोर सें यह कॉरिडोर सेंट्रल एशिया और ईरान के जरिए भारत और रूस को जोड़ता है.
एससीओ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक के बाद एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी. इसके बाद चार से पांच मई को गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक होगी. बता दें कि साल 2017 में एससीओ से जुड़ने के बाद भारत पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है. इससे पहले वाराणसी में हुई एससीओ के पर्यटन मंत्रियों की बैठक में भी पाकिस्तान ने शिरकत की थी.