बलूचिस्तान के लोगों पर हो रहे पाकिस्तान आर्मी के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वालीं बलोच नेता <strong>करीमा बलोच</strong> को कनाडा में मृत अवस्था में पाई गईं। करीमा ने रक्षाबंधन के मौके पर पीएम मोदी से बलूचिस्तान की आवाज बनने की गुहार भी लगाई थी। मिली जानकारी के अनुसार, <strong>करीमा बलोच</strong> रविवार से ही लापता हो गई थीं। इसके बाद सोमवार को कनाडा पुलिस ने उनकी डेडबॉडी को बरामद किया।
करीमा बलोच की हत्या के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के होने का शक जाहिर होता है। हालांकि, अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि करीमा किसी हादसे का शिकार हुई हैं या उनकी हत्या की गई है। करीमा बलोच ने साल 2016 में रक्षा बंधन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बलूचिस्तान का साथ देने की मांग की थी।
#WATCH Baloch activist Karima Baloch wishes PM Modi for Rakhsha Bandhan (courtesy: Karima Baloch's Twitter)https://t.co/gq6KdEkWGn
— ANI (@ANI) August 19, 2016
<h3>पीएम मोदी को मानतीं थीं भाई</h3>
करीमा ने कहा था कि नरेंद्र मोदी जी रक्षा बंधन के मौके पर बलूचिस्तान की एक बहन आपको भाई मानकर कुछ कहना चाहती है। मैं बलोच स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन की चेयरपर्सन हूं। पाकिस्तान की आर्मी के हाथों बलूचिस्तान में हजारों की तादाद में आज कितने ही भाई लापता हैं या उन्हें मार दिया गया है।
<strong>उन्होंने आगे कहा कि बलूचिस्तान की बहनें आज भी अपने भाई की राह ताक रही हैं। उनमें से बहुत सारे भाई शायद कभी भी लौटकर नहीं आएं और इन बहनों का इंतजार कभी खत्म ही ना हो। लेकिन रक्षाबंधन के मौके पर बलूचिस्तान की बहनें आपसे गुजारिश करती हैं कि आप अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यहां हो रहे नरसंहार का मुद्दा उठाएं। </strong>
करीमा बलोच ने कहा था कि मोदी जी आप उन बहनों की आवाज बनें जिनके भाई लापता हैं। मोदी जी हम अपनी जंग खुद लड़ेंगे। आप सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारी आवाज बन जाइए। आप केवल हमारी जंग की आवाज को दुनिया के हर कोने में पहुंचाइए, हमें आपसे बस इतना ही चाहिए।
<strong>बता दें कि संसाधन संपन्न बलूचिस्तान लगातार पाकिस्तान से अलग देश बनाने की मांग कर रहा है। पाकिस्तान की आर्मी यहां के लोगों का नरसंहार कर रही है। हजारों की तादाद में बलूचिस्तानी लोग गायब हो चुके हैं या फिर उन्हें बेवजह जेलों में बंद करके रखा गया है। </strong>
पाकिस्तान की इस क्रूरता के खिलाफ बलूचिस्तान की करीमा बलूच काफी समय से आवाज उठा रही थीं। वो बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई की आवाज बन गई थीं, ऐसे में उनकी मौत से बलूचिस्तान के आंदोलन को बड़ा झटका लग सकता है। करीमा ने कई मंचों पर पाकिस्तान की करतूतों का खुलासा किया था।.