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हर पैमाने पर भारत का लोकतंत्र ‘सबसे जीवंत’: उपराष्ट्रपति धनखड़

ब्रिटेन की संसद के विभिन्न दलों से संबंधित भारतीय मूल के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (फ़ोटो: सौजन्य: विदेश मंत्रालय)

लंदन: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को यूनाइटेड किंगडम में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत इस समय दुनिया के किसी भी मापदंड पर सबसे ज़्यादा “जीवंत लोकतंत्र” है और लंदन के समाज में भारतीय समुदाय के योगदान और भारत-ब्रिटेन संबंधों को मज़बूती प्रदान करने के लिए इस समुदाय के लोगों की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा, “भारत को अपने प्रवासी भारतीयों पर गर्व है। वे भारत के 24X7 एंबेसडर हैं – यहां 1.7 मिलियन और पूरी दुनिया में 32 मिलियन भारतीय समुदा के लोग रहते हैं। ये अपने आप में एक उदाहरण हैं कि वे अपनी कर्मभूमि और जन्मभूमि के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इन्होंने प्रवासी देश और स्वयं के मूल देश में एक संपूर्ण अद्भुत क्षमता के साथ साधे हुए हैं। उपराष्ठ्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा “भारत वैश्विक मापदंडों पर इस समय का सबसे अधिक कार्यशील लोकतंत्र है, यदि आप राज्य के तीन अंगों – विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका को देखें, तो आप पाएंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कार्यपालिका ने संपूर्ण वैश्विक जनसंख्या के छठे हिस्से को सभी सामाजिक मापदंडों और तत्वों के अकल्पनीय स्तर पर रूपांतरित कर दिया है, उन्होंने लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम किया हैं। आम आदमी का सशक्तिकरण हो रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर का ऐसा विकास, जिसके बारे में पहले कभी सपने में भी नहीं सोचा जा सकता था, आज ज़मीनी हक़ीक़त है। आप इसे सड़क, रेल, वायु या तकनीकी कनेक्टिविटी में भी देखते हैं।”

उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान लेनदेन की राशि की मात्रा 2022 में भारत में 1.5 ट्रिलियन की हो गयी है। उन्होंने कहा कि भारत में 700 मिलियन इंटरनेट यूज़र्स हैं और उन्होंने बल देकर कहा कि उन्होंने भारत की सेवा वितरण प्रणाली को एक ऐसे स्तर पर बदल दिया है, जिसकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
धनखड़ ने कहा,“मैंने संसद के माननीय सदस्यों को संकेत दिया था और सिर्फ़ एक उदाहरण देकर यह बात कही थी कि भारत में 2022 में डिजिटल भुगतान लेनदेन की राशि 1.5 ट्रिलियन थी।अगर 2022 में इस 1.5 ट्रिलियन के आंकड़े को मैं यूएस, यूके, फ़्रांस और जर्मनी की तुलना करूं, तो यह सबको मिलाकर चार गुना है।”
“हमारे पास 700 मिलियन इंटरनेट यूज़र्स हैं और न केवल यूज़र्स हैं, बल्कि उन्होंने भारत की सेवा वितरण प्रणाली को एक ऐसे स्तर पर बदल दिया है, जिसकी पहले कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। पारदर्शिता, जवाबदेही और वितरण प्रणाली की भावना नया मंत्र है।”
उन्होंने कहा कि 110,000,000 किसानों को साल में तीन बार अब तक दो-दो लाख 20,000 करोड़ के बराबर राशि सीधे उनके खाते में और बिना किसी बिचौलिए के मिल रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘देखिए कैसा परिवर्तन हुआ है, क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। सत्ता के गलियारों को सत्ता के दलालों से सुरक्षित कर दिया गया है।”
जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक ऐसे वातावरण का विकास हुआ है, जो हर युवा को अपनी ऊर्जा और क्षमता को पूरी तरह से उजागर करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और क्षमता निर्माण हर स्तर पर नया मानदंड है। उन्होंने कहा कि 34 साल बाद शिक्षा नीति बन पायी है।


जगदीप धनखड़ ने कहा,”एक ऐसे वातावरण का विकास हुआ है, जो हर युवा को अपनी ऊर्जा और क्षमता को पूरी तरह से उजागर करने में सक्षम बनाता है। और कोई वित्तीय बाधा नहीं है। अगर मैं मुद्रा ऋण को देखता हूं, तो उस राशि को देखें, जो वितरित की गयी है और ऋण पाने वालों में ज़्यादातर महिलायें हैं, वे अब नौकरी देने वाली बन गयी हैं। ”
“कौशल विकास और क्षमता निर्माण हर स्तर पर नया मानदंड है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 34 साल बाद बनी है। मैं स्वयं ही शिक्षा का उत्पाद हूं। अगर मुझे छात्रवृत्ति नहीं मिली होती, तो मैं वह नहीं होता, जो मैं आज हूं। शिक्षा सबसे प्रभावी, शक्तिशाली परिवर्तनकारी तंत्र है। यह अकेली शिक्षा ही है, जो समाज में असमानताओं का ख्याल रखती है, कमज़ोर लोगों की मुक्ति और युवाओं के सशक्तिकरण को लाती है। यह कुछ ऐसा है, जो इस देश में हो रहा है।’
भारतीय न्यायपालिका की सराहना करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश में न्यायपालिका शीर्ष अदालत से लेकर नीचे तक “मज़बूत” है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आम आदमी के लिए भारतीय न्यायपालिका की पहुंच का कोई मुक़ाबला ही नहीं है।
“इस समय हमारे पास भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सबसे प्रबुद्ध शख़्सियतों में से एक है, एक ऐसा व्यक्ति, जो विशाल अनुभव, प्रतिबद्धता संपन्न, जुनूनी, मिशन वाला, अत्यधिक प्रतिभाशाली है। आप इसे फ़ैसलों में देख सकते हैं। उन्हें एक सामान्य व्यक्ति को राहत देने में देर नहीं लगती।’
“शासन की गतिशीलता में समस्यायें तो आयेंगी। ऐसा कोई दिन नहीं होगा कि अब से कोई समस्या नहीं हो, समस्या का तो आना तय है। जांच-पड़ताल के साथ चलने वाली हमारी न्यायपालिका शीर्ष अदालत से लेकर नीचे तक बेहद सुदृढ़ है। आम आदमी के लिए भारतीय न्यायपालिका की पहुंच को देखेंगे,तो इसकी कोई तुलना ही नहीं है। कल्पना करके देखिए कि यह कितनी उत्कृष्ट उपलब्धि है।’
उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय लोकतंत्र एक ऐसे स्तर पर काम कर रहा है, जो दुनिया भर के किसी भी देश के लिहाज़ से अद्वितीय है। उन्होंने भारत के चुनाव आयोग की प्रशंसा की और ज़ोर देकर कहा कि यह “बाकी दुनिया के लिए प्रकाशस्तंभ इस मायने में हो सकता है कि कैसे कम से कम समय में निष्पक्ष रूप से चुनाव कराए जायें।”
धनखड़ ने कहा, “हमारे उन सांसदों को देखें,जो लोक सभा के लिए चुने जाते हैं। यह सबसे कठिन परीक्षा होती है। जो उच्च सदन में हैं, वे बहुत प्रतिभाशाली हैं। हमें अपने सांसदों पर गर्व है। इस प्रक्रिया में यदि हम एक संक्षिप्त सीमित क्षेत्र की जांच-पड़ताल करें और उसके बारे में निर्णय ले लें, तो यह उचित नहीं होगा। इसलिए, मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि भारतीय लोकतंत्र इस समय उस स्तर पर काम कर रहा है, जो दुनिया में किसी भी देश के मुक़ाबले बेजोड़ है। क्या आप पृथ्वी पर किसी अन्य लोकतंत्र का नाम बता सकते हैं, जहां संविधान ग्राम स्तर पर, नगरपालिका स्तर पर, राज्य स्तर पर, केंद्रीय स्तर पर, सहकारिता स्तर पर इतना संरचित हो। हमारे संस्थान पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।”
धनखड़ ने कहा कि भारतीयों को अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। COVID-19 महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए धनखड़ ने कहा कि लोगों को टीके की खुराक़ बड़े ही सुरक्षित तरीक़े से प्रदान की गयी थी और इसका प्रमाण स्मार्टफोन पर उपलब्ध है।
यूके में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करते हुए धनखड़ ने कहा, “भारत के लिए गौरव का क्षण आ गया है। भारत के गौरव का क्षण ज़मीनी हक़ीक़त से झलक रहा है। दुनिया इसे सभी मानकों से मान रही है। भारत अवसर की भूमि है, निवेश की पसंदीदा भूमि है और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच पसरी हुई मंदी के दौर में भी सबसे तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और इसका कारण सकारात्मक शासन है।”
उन्होंने बल देकर कहा कि भारत में नया मंत्र है, जो कि अधिक से अधिक सुशासन है। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत के इस उभार को लेकर सकारात्मक महसूस कर रही है।
जगदीप धनखड़ ने कहा, “एक नया मंत्र मिनिमम गवर्नमेंट, मोर गवर्नेंस है। हम भारत में ऐसे समय में हैं, जहां एक ही विचार को महत्व नहीं दिया जाता । एक विचार के लिए कोई जगह नहीं है। अगर विचार अच्छा है, तो उसे तेज़ी से क्रियान्वित किया जाता है। और वह क्रियान्वयन बुनियादी ढांचे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और गांव के विकास में बड़े निवेश के साथ हो रहा है। इसलिए, आप में से प्रत्येक को 24X7 भारत का एक राजदूत बनना होगा। ”
“एक विचार का संकेत दिया गया था। क्या हमें सब कुछ मंज़ूर होता है ? हमें परिवार में सब कुछ मंज़ूर नहीं होता है। हमें अपनी संतान, अपने बच्चों की हर बात मंज़ूर नहीं होती है। लेकिन, सबको सहयोगी होना चाहिए। सहकारी होना चाहिए। ऐसा ऐसी मानसिकता के साथ होना चाहिए ताकि चीज़ें ऊपर दिखें। इस समय भारत के उदय से दुनिया सकारात्मक महसूस कर रही है। यह दुनिया की स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कारक होगा। भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष “अमृतकाल” का पूर्ण उपयोग का समय आ चुका है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायकों, गुमनाम नायकों की पहचान की गयी है और उन्हें सम्मानित किया गया है।”
उन्होंने कहा कि इस समय भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसका श्रेय हर मेहनती भारतीय श्रमिकों, किसानों और सरकार की प्रभावी नीतियों को जाता है।
जगदीप धनखड़ ने कहा, “भारत को एक मौलिक रूप से से फिर से खोजा गया है। 2047 में जब भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी मनाई जानी है, तो भारत जो कुछ होगा, इसकी पक्की नींव रखी जा चुकी है। मैंने कहा कि हम इस समय पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। इस दशक के अंत तक हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था होंगे। यह उपलब्धि कुछ साल पहले हमारे सपनों से परे थी। इसका श्रेय हर मेहनती भारतीय कामगार, किसान और प्रभावी सरकारी नीतियों को जाता है। पारदर्शी और जवाबदेह तरीक़े से उनके ईमानदार निष्पादन को जाता है और विश्व अर्थव्यवस्था में हमारे ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को देखें, तो एक समय था जब भारत का हिस्सा किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक था और वह काफ़ी लंबे समय तक हमें नहीं मिलता रहा। हम इसे अब हासिल कर रहे हैं। हमारा विकास पथ ज्यामितीय, अजेय है। ये सभी कारक आपको बतायेंगे कि भारत किस ओर जा रहा है।”
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में लिखा, “भारत और यूके के बीच जीवंत जुड़ाव ! वीपी जगदीप धनखड़ @VPIndia ने ब्रिटेन स्थित लंदन में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत की। वीपी ने इस समुदाय के लोगों की समाज में उनके योगदान और भारत-ब्रिटेन के संबंधों को मज़बूती प्रदान करने के लिए सराहना की।
उन्होंने लंदन में भारतीय मूल के संसद के पूर्व और वर्तमान सदस्यों के साथ भी बातचीत की। किंग चार्ल्स द्वितीय के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर लंदन पहुंचे।
बागची ने ट्वीट किया, “वीपी जगदीप धनखड़ @VPIndia ने ब्रिटेन की संसद में विभिन्न दलों से संबंधित भारतीय मूल के सदस्यों के साथ आकर्षक बातचीत की। द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा हुई। उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों को क़रीब लाने में सांसदों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को यूनाइटेड किंगडम के बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स III के स्वागत समारोह के दौरान इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा और इतालवी राष्ट्रपति सर्जियो मटेरेला के साथ बातचीत की। उन्होंने किंग चार्ल्स III के साथ भी बातचीत की।
लंदन के मार्लबोरो हाउस में किंग चार्ल्स III द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में धनखड़ राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए। उन्होंने बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स तृतीय के स्वागत समारोह के दौरान अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति से भी मुलाकात की।
किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ शुक्रवार को लंदन पहुंचे थे। किंग चार्ल्स III का सिंहासन पर बैठने के आठ महीने बाद 6 मई को राज्याभिषेक होने वाला है।