आज चीन (China) पूरी दुनिया के मार्केट पर कब्जा कर रहा है। उसने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महारात हासिल की है। चीन दुनिया के हर देश में घुसकर वहां पर अपनी घुसपैठ करना चाहता है। आज बीआईरी प्रेजेक्ट के चहत चीन कई देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है साथ उन देशों को बरबाद भी कर रहा है। दुनिया में जहां भी किसी भी तरह का खजाना दिखेगा चीन की नजर वहां जरूर होगी। इस वक्त ड्रैगन की भविष्य के खजाने पर है। चीन और तालिबानी आतंकियों के शासन वाले अफगानिस्तान में रिश्ते मजबूत होते जा रहे हैं। चीन और तालिबान के बीच पाकिस्तान में चल रही सीपीईसी योजना को काबुल तक पहुंचाने पर सहमति बनी।
अफगान में 1 ट्रिलियन डॉलर का खजाना
फ़िलहाल के लिए चीन की नजर अफगानिस्तान के 1 ट्रिलियन डॉलर के लिथियम के खजाने पर टिकी हुई है। चीन की कंपनी लिथियम निकालने के लिए शुरुआत में 10 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही है। चीन सफेद सोना कहे जाने वाले लिथियम के भंडार पर कब्जा करना चाहता है जो सप्लाइ चेन के लिए बहुत जरूरी है। चीनी कंपनी बांध, सुरंग समेत कई बड़े प्रॉजेक्ट भी चलाने जा रही है।चीन और तालिबानी सरकार के बीच काला सोना कहे जाने वाले तेल की खोज के लिए भी समझौता हुआ है। चीन अफगानिस्तान के अमू दराया बेसिन में तेल की खोज कर रहा है। चीन और तालिबान सरकार के बीच तेल की खोज के लिए 15 करोड़ डॉलर का समझौता हुआ है। चीन आगे चलकर 54 करोड़ डॉलर का निवेश करेगा। चीन यहां अपना प्रभाव तेजी से बढ़ा रहा।
ये भी पढ़े: डूबे जहाज पर मिला अरबों का खजाना, लेकिन Gold छोड़ Whisky के लिए मारामारी!
चीन अब अफगानिस्तान को लूट रहा
चीन घूस, तस्करी और अन्य रास्तों से अफगानिस्तान के प्राकृतिक खजाने पर किसी भी तरह से अपना कब्जा करने की कोशिश में लगा हुआ है। तालिबान ने चीनियों को पाकिस्तान के रास्ते लिथियम की तस्करी करते हुए पकड़ा है। तालिबान के मुताबिक 1000 टन लिथियम की चट्टान को ले जाया जा रहा था। इसमें करीब 30 फीसदी लिथियम भरा हुआ था।
आखिर चीन लिथियम के पीछे क्यों पागल?
दरअसल, चीन दुनिया का आधे से ज्यादा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल बेचता है जिसकी वजह से उसके यहां लिथियम और कोबॉल्ट की भारी डिमांड रहती है। लिथियम को प्रॉसेस करने पर चीन का दबदबा है। चीन अभी अफ्रीकी देशों और लैटिन अमेरिका के देशों आर्जेंटीना, बोलविया, मेक्सिको और चिली से लिथियम का खनन करता है।