New Parliament: अगर पुराने संसद भवन ने आजादी के बाद भारत को एक नई दिशा दी थी तो नई इमारत आत्मनिर्भर भारत निर्माण की गवाह बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बाद नई पार्लियामेंट के उद्घाटन से पहले कही थी। भारत की आधुनिक लेकिन पारंपरिक नई पार्लियामेंट का उद्घाटन का यानी 28 मई को किया गया। भारत के नए संसद भवन के निर्माण की शुरुआत 2022 में हुई थी। इसका डिजाइन अहमदाबाद बेस्ड एचसीपी डिजाइन नाम की कंपनी के द्वारा किया गया, जो आर्किटेक्ट बिमल पटेल की देखरेख में पूरा किया गया।
नई इमारत (New Parliament) को बनाने में लगभग 970 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस 4 मंजिला इमारत में 1,224 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। एक सरकारी बयान के मुताबिक, इस नए ढांचे को त्रिकोणीय आकार का और आत्मनिर्भर भारत के नजरिए से बनाया गया है। आजादी के बाद पहली बार संसद भवन बनने का ऐतिहासिक मौका भी है। साथ ही 2022 में आजादी के 75वीं सालगिरह पर न्यू इंडिया के विजन को बताता है।
बिमल पटेल को लोकतंत्र के नए मंदिर का डिजाइन तैयार करने के श्रेय जाता है
नए संसद भवन के निर्माण के साथ ही बिमल पटेल ऐसे शख्स बन गए, जिनको लोकतंत्र के नए मंदिर का डिजाइन तैयार करने के श्रेय जाता है। पटेल अपनी इस नई रचना को राइजिंग इंडिया की प्रतिकृति कहते हैं। देश का नया संसद भवन भारत के विभिन्न तत्वों को शामिल तो करता ही है, साथ ही राइजिंग इंडिया की झलक भी दिखलाता है। त्रिकोणाकार आकृति में बनी देश की नई संसद पुराने संसद भवन के बिल्कुल सामने मौजूद है। बिमल पटेल के अनुसार नए संसद भवन के निर्माण के लिए त्रिकोणीय आकृति को इसके अनूठे ज्यामितीय कारणों से चुना गया। उन्होंने बताया कि बहुत सारी पवित्र ज्यामिति में त्रिकोणाकार आकृति और त्रिमूर्ति की विशेष मान्यता है। जैसे श्री यंत्र भी त्रिकोणाकार आकृति में हैं। तीन भगवान या त्रिमूर्ति सब कुछ तीन या त्रिकोणाकार है। इसलिए त्रिकोणाकार आकृति पवित्र और पूण्य है।