भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी की इसरो के एक सीनियर वैज्ञानिक के सनसनीखेज खुलासा किया है। इसरो में काम करने वाले वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने दावा किया है कि कोई हमारे ऑर्गनाइजेशन को नुकसान पहुंचाना चाहता है। यह एक बड़ा मसला है क्योंकि इसरो में 2000 से ज्यादा साइंटिस्ट काम करते हैं और यह उनके सुरक्षा का मामला है।
तपन मिश्रा ने खुद के मारने की कोशिश के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें खाने में जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि जान का दुश्मन कौन है, इस बारे में कोई आइडिया नहीं है। अहमदाबाद स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के पूर्व निदेशक तपन मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 3 साल पहले बेंगलुरु में इसरो के हेडक्वार्टर में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी जान लेने की कोशिश की गई थी। 23 मई 2017 को खाने के दौरान डोसे की चटनी में आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड मिलाया गया था। इसकी वजह से पूरे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग के बाद हार्ट अटैक से मौत हो जाती है।
तपन मिश्रा फेसबुक पर 'लॉन्ग केप्ट सीक्रेट' नामक से एक पोस्ट में यह दावा किया कि जुलाई 2017 में गृह मामलों के सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मुलाकात कर आर्सेनिक जहर दिये जाने के प्रति उन्हें सावधान किया था। मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा डॉक्टरों को दी गई जानकारी के चलते ही उनका सटीक उपचार हुआ और वह बच सके। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि बाद में उन्हें सांस लेने में कठिनाई, त्वचा का असामान्य रूप से फट जाना, चमड़ी निकला और फंगल संक्रमण सहित कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा।
तपन मिश्रा ने स्पष्ट रूप से किसी के बारे में बताया तो नहीं लेकिन इतना जरुर बताया कि कुछ बाहरी ताकतें नहीं चाहतीं कि इसरो के वैज्ञानिक आगे बढ़ें और कम लागत में सारे सिस्टम तैयार करें। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय जासूसी हमला करार देते हुए कहा कि कमर्शल और सैन्य महत्व के उपकरण बनाने वाले वैज्ञानिकों को रास्ते से हटाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।.