चीन (china) इस मानसून में भारत के नार्थ ईस्ट में वाटर बम से हमला कर सकता है। ब्रम्हपुत्र पर चीन 60 हजार मेगावाट का डैम बना रहा है जिससे कि अरुणाचल और असम में पानी छोड़कर बाढ़ लाकर तबाही मचा सके। वहीं भारत सरकार चीन की इस चाल का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। भारत सरकार ने कहा है कि चीन की इस चाल पर पैनी नजर है और उससे निपटने के लिए अरुणाचल में बड़े स्तर पर प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। चीन वॉटर बम से हमले की साजिश रच रहा है। चीन की यार लुंग त्सांगपो नदी पर 60 हजार मेगावाट के डैम बनाने के पीछे बड़ी साजिश सामने आई है। इसके जरिए वो अरूणाचल प्रदेश और असम में तबाही ला सकता है। इस बीच चीन फायदा उठाकर डैम के जरिए बड़ी मात्रा में पानी खोल सकता है। जिससे अरुणाचल और असम के कई हिस्से डूब सकते हैं। यही नही अगर चीन ने नदी का पानी रोक दिया तो दोनों राज्यों में सूखे का संकट हो जाएगा। चीन की इस चाल को भारत अच्छी तरह समझ चुका है। भारत सरकार में ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के मुताबिक चीन की हर चाल पर केंद्र सरकार की पैनी नजर है।
भारत कर रहा इन योजनाओं पर काम
अरुणाचल में भारत सरकार के कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। सुबानसिरी नदी पर 2000 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट बनकर लगभग तैयार हो रहा है। सुबानसिरी मिडल पर 1800 मेगावाट सुबानसिरी लोवर पर 2700 मेगावाट और सुबानसिरी अपर पर 2000 मेगावाट का काम चल रहा है। इसके अलावा अपर सियांग मल्टीपरपज स्टोरेज प्रोजेक्ट पर भी बहुत तेजी से काम चल रहा है। दिबांग प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो रहा है। 2880 मेगावाट का ये प्रोजेक्ट होगा ये अरुणाचल प्रदेश और असम दोनों के बीच का प्रोजेक्ट होगा। बाढ़ या फिर सूखे से निपटने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से तैयार है।
चीन की साजिश होगी फेल
अरुणाचल में भारत सरकार इनक्यों जिले में बॉर्डर से 100 किलोमीटर दायरे में 11 हजार मेगावाट का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। उगेन, डिट्टे, और पैरंग इन 3 जगहों की तलाश की गई है। इन 3 जगहों में से एक जगह पर ये प्रोजेक्ट बनने जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश में तकरीबन 8 ऐसे पावर प्रोजेक्ट हैं जिसकी शुरुआत होनी है या फिर हो चुकी है। ऊर्जा मंत्री के मुताबिक भारत सरकार के इन तमाम प्रोजेक्ट के चलते चीन की बाढ़ या फिर सूखे वाली चाल का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।