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PM Modi का खौफ? शहबाज ने भारत को दिया CPEC में शामिल होने का न्‍योता, समझें पूरा खेल

शरीफ ने भारत को CEPO में शामिल होने का दिया न्‍योता

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने भारत को अरबों डॉलर की चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (CPEC) बुनियादी ढांचा परियोजना में शामिल होने का न्योता दिया है। शहबाज शरीफ ने कहा है, कि भारत की सीपीईसी के रास्ते में बाधाएं पैदा करने के बजाय, इसका लाभ उठाना चाहिए। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सीपीईसी के 10 साल पूरे होने के मौके पर बुधवार को एक बयान में भारत से सीपीईसी परियोजना से जुड़ने का ऑफर दिया है। पाकिस्तान का ये ऑफर उस वक्त आया है, जब खुद पाकिस्तान सीपीईसी परियोजना में शामिल होकर चीन के कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंसा है और सीपीईसी को लेकर उसकी जो भी उम्मीदें थी, वो सभी नाकाम साबित हुई हैं।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने बयान में भारत को लॉलीपाप देने की कोशिश की कि वह सीपीईसी का विरोध न केवल छोड़ दे और बल्कि इसमें शामिल हो जाए। बकौल शहबाज, भारत सीपीईसी में शामिल होकर इस 62 अरब डॉलर की इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर परियोजना का लाभ उठा सकता है। शहबाज शरीफ ने यह भी दावा किया कि सीपीईसी परियोजना का पाकिस्‍तान की जनता पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा। यह पूरे इलाके के लिए गेमचेंजर साबित होगी। पीएम शहबाज जिस सीपीईसी परियोजना को पाकिस्‍तान के लिए वरदान बता रहे हैं और भारत को इसमें शामिल होने का न्‍योता दे रहे हैं, उसे न केवल दुनियाभर के देश बल्कि खुद पाकिस्‍तानी विशेषज्ञ भी खारिज कर चुके हैं।

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सीपीईसी के पीछे चीन का छिपा हुआ मंसूबा

पाकिस्‍तान भी अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारने के नाम पर आईएमएफ (IMF)  से कर्ज लेता और उस पैसे चीन का सीपीईसी का कर्जा लौटाता था। यही नहीं चीन की कंपनियों ने पाकिस्‍तान के स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 40 फीसदी हिस्‍सेदारी खरीद ली है। अलीबाबा के चीफ जैक मा पिछले दिनों अचानक से पाकिस्‍तान पहुंचे थे। विश्‍लेषकों का कहना है कि चीन सीपीईसी परियोजना से पाकिस्‍तान चीन का आर्थिक गुलाम बनता जा रहा है।

शहबाज भारत को क्‍यों शामिल करना चाहते हैं?

भारत ने यह साफ कहा है कि चीन की सीपीईसी परियोजना पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर से होकर जाती है। पीओके भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है। चीन ने इसके लिए भारत से अनुमति नहीं ली है। पाकिस्‍तान और चीन दोनों देश पीओके में बड़े पैमाने पर सड़कें बना रहे हैं। यही नहीं चीनी सेना भी पीओके में खतरनाक मंसूबे लेकर सक्रिय है। यही वजह है कि भारत चीन के इस बीआरआई प्रॉजेक्‍ट का खुलकर विरोध करता है। शहबाज शरीफ भारत को शामिल होने का न्‍योता देकर नई दिल्‍ली के विरोध को कम करना चाहते हैं।