विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से भारत की सीमाओं को बार-बार गलत ढंग से दिखाया जा रहा है। इस को लेकर भारत ने कई बार आपत्ती भी दर्ज कराया है। इसके बावजूद WHO ने कोई बदलाव नहीं किया। WHO के इस रवैये के पीछे चीनी सांठगांठ ही है क्योंकि WHO का चीन के साथ नजदीकी रिश्ता जगजाहिर है। वहीं, इस बार फिर भारत ने WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम को पत्र लिखकर गलती सुधारने को कहा है। भारत की ओर से WHO के मानचित्रों में गलत ढंग से दिखाने को लेकर कड़ा ऐतराज जताते हुए तीसरी बार चेतावनी दी गई है।
<strong>मिली जानकारी के मुताबिक, भारत ने पत्र में बेहद सख्त लहजे में कहा है कि गलत नक्शे को फौरन सुधार लिया जाए। भारत की तरफ से इस मुद्दे पर पिछले एक महीने में WHO को तीसरी बार यह पत्र लिखा गया है। इससे पहले, दिसंबर में दो बार WHO चीफ को पत्र लिखा जा चुका है। पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में भारत के परमानेंट प्रतिनिधि इंद्र मणि पांडेय ने WHO चीफ को इस बारे में जानकारी दी। </strong>
भारत ने कहा कि WHO के पोर्टल्स पर मौजूद वीडियो और मैप्स में उसकी सीमाओं को ठीक से नहीं दिखाया जा रहा।आठ जनवरी को WHO चीफ को लिखी चिट्ठी में ने लिखा, मैं WHO के अलग-अलग वेब पोर्टल्स पर नक्शों में भारत की सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाए जाने पर बेहद नाराजगी जाहिर करता हूं। इस मामले में मैं <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/corona-virus-lockdown-in-wuhan-before-who-team-visits-china-23919.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">WHO को भेजे</a> गए हमारे पिछले संदेशों की भी याद दिलाना चाहूंगा, जिनमें हमने इन्हीं गलतियों की बात की थी। मैं आपसे इस मामले में तुरंत दखल देखकर भारत की सीमाओं को गलत ढंग से प्रदर्शित करना बंद करवाने की गुजारिश करता हूं। कृपया सही मानचित्रों का प्रयोग करें।
<h3>WHO के नक्शे में क्या है आपत्ती</h3>
WHO के नक्शों में जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख को बाकी भारत से अलग शेड में दिखाया गया है। इसके अलावा 5,168 वर्ग किलोमीटर में फैली शक्सगाम घाटी, जिसे पाकिस्तान ने 1963 में अवैध रूप से चीन के हवाले कर दिया था, उसे चीन का हिस्सा दिखाया गया है। 1954 में चीन ने जिस अक्साई चिन क्षेत्र पर कब्जा किया, उसे नीली स्ट्रिप्स में दिखाया गया है। डब्ल्यूएचओ ऐसे ही रंग में चीनी क्षेत्र को दर्शाता है।
<h3>चीन से WHO की सांठ-गांठ के लगते रहे हैं आरोप</h3>
भारतीय कानून के तहत देश का गलत नक्शा छापना अपराध है। इसके लिए छह महीने की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि WHO के कोविड-19 ट्रैकर जिसे दुनियाभर में खूब इस्तेमाल किया जाता है, उसमें गलत नक्शे का इस्तेमाल करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। WHO और चीन के बीच सांठ-गांठ के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में उसकी तरफ से भारत के नक्शे को गलत दिखाना भी संदेह के घेरे में है।
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