Kalibr Cruise Missile: भारत बहुत जल्द ही रूस से भारतीय नौसेना के लिए 20 क्लब एंटी शिप क्रूज मिसाइल खरीदने की तैयारी में है। इसे कैलिबर क्रूज मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है। इस डील की कुल लागत 120 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है। नौसेना दशकों से क्लब मिसाइलों का उपयोग कर रही है और हथियार प्रणाली लंबे समय से भारतीय युद्धपोतों का प्रमुख हथियार बना हुआ है। कैलिबर मिसाइलों को भारतीय नौसेना के फ्रिगेट, डिस्ट्रॉयर और पनडुब्बियों पर तैनात किया जा सकता है। यह दुश्मन के जहाजों के खिलाफ एक प्रमुख हथियार के रूप में काम कर सकती है।रूस की कैलिबर क्रूज मिसाइल के एक यूनिट की कीमत 980,000 डॉलर है। यह जमीन पर मार करने वाली मिसाइल की कीमत है। वहीं, एंटी शिप वेरिएंट की एक्सपोर्ट कीमत 6.5 मिलियन डॉलर है।
कैलिबर एंटी शिप क्रूज मिसाइल की रेंज क्या?
नोवेटर के मुताबिक, कैलिबर मिसाइल को 400 किलोग्राम वजन वाले वारहेड के साथ लॉन्च किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर है। क्लब एंटी शिप क्रूज मिसाइल के दो वेरिएंट हैं। पहला सुपरसोनिक और दूसरा सबसोनिक है। सुपरसोनिक वेरिएंट संस्करण में लक्ष्य को भेदने की अधिक गति होती है, जबकि सबसोनिक पहले वाले की तुलना में दूर तक हमला कर सकता है।
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भारत के पास कौन-कौन सी एंटी शिप मिसाइलें
भारतीय नौसेना पहले से ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप और लैंड अटैक मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करती है। कैलिबर क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के अलावा एक एंटी शिप हथियार होगी। ब्रह्मोस मिसाइलों की मारक क्षमता 290 किमी से अधिक है। क्लब एंटी शिप क्रूज मिसाइल को रूसी कंपनी एनपीओ नोवेटर ने विकसित किया है। इसे 1994 में रूसी सेना में शामिल किया गया था।
कैलिबर क्रूज मिसाइल का काम क्या है
क्लब एंटी शिप क्रूज मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी और विमान से लॉन्च किया जा सकता है। इसे एंटी सबमरीन वारफेयर, दुश्मन के युद्धपोतों के खिलाफ और जमीन पर मौजूद लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।