अन्य पड़ोसियों की तरह चीन (China) का वियतनाम के साथ भी जमीन को लेकर विवाद है। वियतनाम की उत्तरी सीमा चीन से लगती है और इसके पूर्व में दक्षिण चीन सागर है। भारत और वियतनाम के संबंध सौहार्दपूर्ण हैं क्योंकि 1979 के चीन-वियतनाम युद्ध में भारत ने वियतनाम की मदद की थी, जिसके चलते चीन को पटखनी का सामना करना पड़ा था। भारत की रणनीति चीन की तरह कभी विस्तारवाद की नहीं रही है लेकिन बेकाबू होते ड्रैगन को घेरने में वियतनाम को उपहार में दिया जाने वाला आईएनएस कृपाण काम आ सकता है, ऐसी उम्मीद की जा रही है।
वियतनाम की साउथ चाइन सी में ताकत बढ़ेगी
इंडियन नेवी ने आईएनएस (इंडियन नेवल शिप) ‘कृपाण’ को 32 साल की सेवा के बाद नेवी से विदाई देकर वियतनाम को सौंप दिया है। शनिवार को वियतनाम में हुई एक सेरेमनी में नेवी चीफ एडमिरल आर.हरि कुमार ने आईएनएस कृपाण को वियतनाम पीपल्स नेवी के चीफ को सौंपा। यह सिर्फ भारत और वियतनाम की मजबूत दोस्ती का सबूत ही नहीं है बल्कि इससे वियतनाम की साउथ चाइन सी में ताकत भी बढ़ेगी। साउथ चाइना सी (दक्षिण चीन सागर) में चीन लगातार अग्रेसिव रवैया दिखा रहा है। जिस तरह चीन का लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत के साथ तनाव बढ़ा है और चीनी सेना ने एलएसी पर कई बार यथास्थिति बदलने की कोशिश की, उसी तरह चीन साउथ चाइन सी में भी दूसरे देशों के लिए परेशानी बन रहा है।
#WATCH | On completing 32 years of illustrious service to the nation, Indian Naval Ship Kirpan has been decommissioned from the Indian Navy and Handed Over to Vietnam People’s Navy (VPN) today at Cam Ranh, Vietnam: Indian Navy
The Decommissioning and Handing Over Ceremony of INS… pic.twitter.com/DTvbAWIRAj
— ANI (@ANI) July 22, 2023
इंडियन नेवी ने वियतनाम नेवी को हथियारों के साथ आईएनएस कृपाण गिफ्ट में दिया है। इंडियन ओशन रीजन में वियतनाम भारत का प्रिफर्ड सिक्योरिटी पार्टनर है। वियतनाम नेवी को मजबूती मिलने से इंडियन ओशन रीजन में भी चीन की हरकतों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। पिछले महीने वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग जब भारत आए थे तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत करते हुए वियतनाम को आईएनएस कृपाण गिफ्ट करने का ऐलान किया था।
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