ऐसा माना जा रहा है कि Earth से सौर मंडल के नवें ग्रह की महाविनाशकारी टक्कर होने वाली है। ऐसे में ‘निबिरू प्रलय’ एक प्रलय की कल्पना है जिसमें एक विशालकाय और रहस्यमयी ग्रह के पृथ्वी से टकराने की बात कही गई है। यह कॉन्सेप्ट 1995 में दिया गया था औऱ इसे 21वीं सदी की शुरुआत में सच होने की भविष्यवाणी की गई थी।
हालांकि, जैसे-जैसे हम इस सदी में आगे बढ़ रहे हैं,वैसे-वैसे कई लोग इसे सिर्फ गलतफहमी कहकर खारिज कर रहे हैं। साथ ही प्लैनेट एक्स जिससे पृथ्वी से टकराने की बात कही गई थी निबिरू प्रलय को सभी ने गलतफहमनी करार दिया है।
कुछ समर्थकों के बावजूद बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों ने निबिरू प्रलय के कॉन्सेप्ट को खारिज किया है। उनका तर्क है कि अगर कोई ग्रह पृथ्वी के करीब आ रहा और एक दिन हमसे टकरा सकता है तो वह सभी को दिखाई देगा, उसके लिए किसी सरकारी पुष्टि की जरूरत नहीं होगी।
अगर ‘निबिरू प्रलय’ सच हो गई तो क्या होगा?
वैज्ञानिकों द्वारा लगातार खारिज किए जाने के बाद भी निबिरू प्रलय के समर्थक अपनी चिंताएं व्यक्त करते रहते हैं। उनके समर्थक हर वर्ष इस काल्पनिक घटना के कारण दुनिया के अंत की बातें करते हैं।
हालांकि बड़ी संख्या में वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। लेकिन कुछ भौतिक विज्ञान के वैज्ञानिक इस तरह के कुछ संभावनाओं को जरूर मानते हैं।
वैज्ञानिकों ने स्वीकारा ख़तरा
एस्टन यूनिवर्सिटी में विजिटिंग फिजिक्स प्रोफेसर रॉबर्ट मैथ्यूज ने 2018 में प्लैनेट 9 को लेकर डर के बारे में विस्तार से चर्चा की,उन्होंने सौर मंडल से परे ब्राउन ड्वार्फ (Brown Dwarfs) कहे जाने वाले विफल तारों के अस्तित्व को स्वीकार किया था। हालांकि उन्होंने आश्वस्त किया कि इनमें से किसी एक के साथ विनाशकारी मुठभेड़ की संभावना बेहद कम है।
आखिर किसने की प्रलय की भविष्यवाणी?
प्लैनेट-9 के पृथ्वी से टकराने का संदेह सबसे पहले लेखिका नैंसी लीडर जाहिर किया था। उन्होंने दावा किया था कि 1995 में एलियंस ने उनसे संपर्क किया था। नैंसी लीडर ने शुरुआत में 2003 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की थी ,लेकिन 21 जून 2020 तक कई बार तारीख बदलने के बाद उनका कोई भी अनुमान सच नहीं हुआ।
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