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विश्व का नरक! ज्वालामुखी और धधकते लावा से भरी दुनिया, NASA ने करीब से देखा बृहस्पति का चंद्रमा

धरती से करोड़ों किमी दूर लावा से भरी एक दुनिया है। यह बृहस्पति का चंद्रमा है जिसका नाम IO है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का एक जोवियन सैटेलाइट इसकी ‘बहुत करीब’ पहुंचा है। पिछले नौ साल से बृहस्पति के चक्कर लगा रहा स्पेस एजेंसी का जूनो स्पेसक्राफ्ट हाल ही में आईओ से सिर्फ 13,700 मील की दूरी से गुजरा। इतने करीब से इसने जो तस्वीरें खींची वे वाकई हैरान करने वाली थीं। ये तस्वीरें जूनो स्पेसक्राफ्ट पर लगे एक शक्तिशाली कैमरे जूनोकैम (JunoCam) ने 30 जुलाई को खींची।

विशेषज्ञों ने इमेज प्रोसेसिंग से इन तस्वीरों को सुधारा और नासा ने इन्हें मिशन वेबसाइट पर पोस्ट किया। ये IO की अब तक कैप्चर की गईं कुछ सबसे बेहतरीन तस्वीरें हैं। IO अनेक फूटते ज्वालामुखियों और लावा से भरा हुआ है क्योंकि यह आस-पास की चीजों के बीच फंसा हुआ है। नासा ने एक बयान में कहा, ‘न सिर्फ सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बल्कि सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह यूरोपा और गेनीमेड भी इसे गुरुत्वाकर्षण से अपनी ओर खींचते रहते हैं।’

क्यों फूटते हैं ज्वालामुखी?

नासा (NASA) ने कहा, ‘नतीजा यह होता है कि आईओ लगातार खिंचता और सिकुड़ता रहता है। ये क्रियाएं इसकी सतह पर ज्वालामुखियों के फूटने और लावा के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं।’ तस्वीरों में आईओ की सतह पर जो काले धब्बे दिखाई दे रहे हैं, उनमें से कई इसके ज्वालामुखियों के लावा क्षेत्र हैं। इस साल की शुरुआत में शोधकर्ताओं ने ताजा लावा प्रवाह देखा था। जूनो से पहले 2007 में एक दूसरे सैटेलाइट न्यू होरिजन्स ने डीप स्पेस में झांकने की कोशिश की थी।

16 साल बाद दोबारा दिखा नजारा

नासा के कई मिशनों के लिए विभिन्न इमेजिंग टीमों में काम करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ एरिज़ोना में लूनर और प्लैनेटरी लैब में टेक्नीशियन जेसन पेरी ने एक बयान में कहा, ‘आईओ अपनी अत्यधिक ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए जाना जाता है, लेकिन 16 साल के बाद, इन परिवर्तनों को एक बार फिर से करीब से देखना बहुत अच्छा लग रहा है।’ हालिया तस्वीरें बृहस्पति के चारों ओर प्रोब की 53वीं उड़ान की हैं।

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