Warmate Drone: भारत कथित तौर पर चीन के साथ लगती सीमा पर लद्दाख क्षेत्र में घातक पोलैंड में बनाए गये वार्मेट ड्रोन का परीक्षण कर रहा है। इस वार्मेट हथियार का इस्तेमाल यूक्रेन, रूस के खिलाफ उसकी छोटी-छोटी छिपी हुई टुकड़ियों को खत्म करने के लिए कर रहा है और ये ड्रोन, रूसी सेना में तहलका मचा चुका है। यूक्रेन इस मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) का इस्तेमाल रूस के साथ युद्ध में छोटी सैनिकों की टुकड़ियों और हल्के बख्तरबंद बंकरों को निशाना बनाने के लिए कर रहा है। यानि, जब युद्ध के दौरान सैनिक बंकर में छिपे रहते हैं, उन्हें खत्म करने के लिए इस यूएवी ड्रोन हथियार का इस्तेमाल किया जाता है।
इसकी ताकत इतनी ज्यादा थी कि रूस ने पोलैंड के इस ड्रोन को पकड़ने और उसकी इंजीनियरिंग की जांच के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। वार्मेट ड्रोन की टेस्टिंग का खुलासा तब हुआ है, जब सैटेलाइट तस्वीरों ने कुछ दिन पहले ही अक्साई चिन में पहाड़ों में बने चीनी बंकरों को देखा। माना जा रहा है कि पहाड़ों के अंदर सुरंगों में बने बंकरों में चीनी सेना ने गोला-बारूद का जखीरा जमा किया है और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर शुरू किया है।
Warmate Drone से भारत को क्या लाभ
अक्साई चिन में बने चीनी सेना के इन मजबूत बंकरों के तोपखाने या मिसाइल के हमले में नष्ट होने की संभावना काफी कम है। यह चीनी सेना को बड़े पैमाने पर रणनीतिक लाभ भी दे सकता है। ऐसे में छोटा और अत्याधिक गतिशील पोलैंड का यह कामिकेज ड्रोन चीन के ऐसे बंकरों को पल भर में नष्ट कर सकता है। इसका इस्तेमाल निगरानी और हमले दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। भारत 2020 से ही लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी आक्रामकता का सामना कर रहा है। ऐसे में वार्मेट ड्रोन लद्दाख में भारतीय सेना के कई उद्देश्यों को एक साथ पूरा कर सकता है।
वार्मेट ड्रोन कितना शक्तिशाली
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने पोलैंड से वार्मेट ड्रोन की खरीद की है और इसका लद्दाख में परीक्षण कर रही है। अभी तक खरीदे गए ड्रोन की संख्या और इसके अन्य व्यवसायिक पहलुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। वार्मेट ड्रोन (Warmate Drone) लाइन-ऑफ़-विज़न (एलओएस) के माध्यम से 30 किलोमीटर के दायरे में संचालित होता है। यह एक इलेक्ट्रिक मोटर के जरिए ताकत पाता है और 80 किलोमीटर प्रति घटे की रफ्तार पकड़ सकता है। वार्मेट ड्रोन के पंखों का फैलाव 1.6 मीटर, धड़ की लंबाई 1.1 मीटर और अधिकतम टेक ऑफ वेट 5.7 किलोग्राम है।
वार्मेट ड्रोन मचा सकता है तबाही
वार्मेट ड्रोन (Warmate Drone) समुद्र तल से 150 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन हाई एक्सप्लोसिव और थर्मोबैरिक सहित कई तरह के विस्फोटकों से हमला कर सकता है। इस ड्रोन की अधिकतम गति 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है। इसके अलावा यह ड्रोन सेमी आटोनोमस है और अपने लक्ष्य क्षेत्र के आसपास घूमता रहता है। इसका इंटीग्रेटेड कंट्रोल माड्यूल और निगरानी सब सिस्टम ऑपरेटर को किसी भी हमले को अंजाम देने के लिए कंट्रोल बनाए रखने की अनुमति देता है। भारतीय सेना लद्दाख में पहले से ही इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के हारोप और स्वदेशी रूप से विकसित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) वर्टिकल टेक-ऑफ लैंडिंग (वीटीओएल) ड्रोन जैसे दूसरे ड्रोन का संचालन करती है।
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