बलूचिस्तान के लोगों को मिसाइल दो ताकि वह अपनी रक्षा खुद कर पाए। यह कहना है दुबई की पुलिस के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल धही काफलन का। लेफ्टिनेंट जनरल धही काफलन का कहना है कहां की बलूचीओं को पाकिस्तान में अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है इसलिए उन्हें हथियार दिए जाने चाहिए। इस पर उन्होंने एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने यह सवाल पूछा कि क्या बल्लूचीओ को मिसाइल दिए जाने चाहिए।इस सवाल के जवाब में 41हजार लोगों ने अपनी राय दी जिसमें से करीब 61%ने मना किया और बाकी लोगों ने जवाब हां में दिया ।सवाल सवाल इसका नहीं है कि कितने लोगों ने हा बोली और कितनों ने न। सवाल यह है की एक-एक करके पूरी दुनिया को समझ में आ रहा है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान में कितनी दरिंदगी कर रहा है फिर भी पाकिस्तानी सरकार को यह बात समझ में क्यों नहीं आती।असलियत यह है कि पाकिस्तान की दरिंदगी अब दुनिया के सामने आ चुकी है और उसके अपनी दोस्त भी उसके खिलाफ बोलना शुरू हो चुके हैं।मुस्लिम उम्माह जिसकी पाकिस्तान शुरुआत से कसमें खाता रहा वह भी अब पाकिस्तान से कन्नी काटती दिख रहा है।
इस्लाम के लिए खतरा बना पाकिस्तान
लेफ्टिनेंट जनरल धही काफलन पाकिस्तान के खिलाफ इससे पहले भी बोल चुके हैं। 2018में उन्होंने बोला था कि पाकिस्तान इस्लामी समाज के लिए एक खतरा बन चुका है और पाकिस्तानियों को दुबई में नौकरी ना देना हर नागरिक का देश के प्रति कर्तव्य है।यूएई ने पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तानियों को नए वीजा देना बंद भी कर दिए थे।पाकिस्तान से नाराजगी दिखाने वाले देशों में यूएई अकेला नहीं है।इससे पहले सऊदी अरब भी पाकिस्तान के लिए अपनी नाराजगी दिखा चुका है और 3अरब डॉलर वापस मांग चुका है ।यूएई की तरफ से भी कुछ ऐसी ही खबरें आ रही हैं कि वह भी अपने पैसे वापस मांग सकता है।आलम कुछ ऐसे की सऊदी अरब के पैसे वापस करने के लिए चीन के सामने अपना कटोरा भेजना पड़ा।अगर यूएई ने भी अपना पैसा मांग लिया तो पाकिस्तान को वह पैसा देने के लिए शायद अपना सोना बेचना पड़े ।इमरान खान की हालत तो कुछ ऐसी है अपने ही देश को चलाने के लिए पाकिस्तान का सबसे बड़े पार्क फ़ातिमा जिन्नाह पार्क को गिरवी रखने की नौबत आ गई है।देश कंगाल होता देख दिसंबर 2020में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यूएई गए भी थे और वहां पर उन्होंने दोनों देशों के बीच में रिश्ते बेहतर करने पर जोर दिया साथ ही बंद किए गए वीजा की बहाली की भी बात की लेकिन कुरेशी साहब के हाथ मायूसी ही लगी ।
डेनियल पर्ल के हत्यारे की रिहाई पड़ेगी भारी
हद तो तब हो गई जब पाकिस्तान के अपने ही दोस्त मलेशिया ने पाकिस्तान के एक हवाई जहाज को जप्त कर लिया और कर्ज़ वापस करने पर जोर डाला ।आखिरकार पाकिस्तान का आखिरी सहारा बना अदालत और हवाई जहाज को अदालत के आदेश पर छुड़वाया गया। पुराने दोस्त अमेरिका से तो रिश्ते पहले ही खराब थे कि पाकिस्तानी अदालत ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे को छोड़ दिया।इस फैसले से नाराज अमेरिका की हाल ही में सत्ता में आई जो बिडेन सरकार ने पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई।मरता क्या न करता और पाकिस्तान सरकार को सुप्रीम कोर्ट में हत्यारे की रिहाई के खिलाफ अपील दायर करनी पड़ी।
शाह महमूद कुरैशी की आंखों पर काला चश्मा
इतना सब हो गया और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की आखों पर 'काला चश्मा' चढ़ा हुआ है। वो बोल रहे हैं कि पाकिस्तान अलग-थलग नहीं पड़ा है। बेचारे और बोल भी क्या सकते हैं इससे पहले पाकिस्तान के वायु सेना प्रमुख ने भी कहा था इटली तुर्की और पाकिस्तान दो देश हैं और एक राष्ट्र ।और बोले भी क्यों ना आखिरकार पाकिस्तान के पास दिखाने के लिए दोस्तों में है ही कौन एक तुर्की और दूसरा चीन। हालांकि यह दोनों देश की पाकिस्तान को कुछ खास मदद करने में रुचि नहीं रखते। चाइना पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर ज्यादातर प्रोजेक्ट्स देरी से चल रहे हैं और चीन ने पीछे से पैसा रोक लिया है। जहां तक बात रही तुर्की की वह पाकिस्तान को अपने टीवी सीरियल देने के सिवा और कुछ देने के किसी इरादे में नहीं दिखता।