12 करोड़ साल पहले दुनिया पर राज करने वाला विशालकाय और लंबी गर्दन वाला Dinosaur का जीवाश्म मिला है। वैज्ञानिकों ने इसे स्पेन में खोज निकाला है। माना जा रहा है कि यह जीवाश्म 12 करोड़ 20 लाख साल पुराना हो सकता है। वैज्ञानिकों ने इस डायनासोर का नाम टाइटन दिया है।यह डायनासोर वजन में करीब 70 टन का होता था। इस खोज को बहुत दुर्लभ माना जा रहा है।
स्पेन में मिला डायनासोर का जीवाश्म
यूरोपीय देश स्पेन में 12 करोड़ 20 लाख साल पहले राज करने वाले विशाल Dinosaur का जीवाश्म मिला है। यह डायनासोर सौरोपोड प्रजाति का था और अपनी लंबी गर्दन की वजह से बेहद खास था। टाइटनोसौर होने की वजह से इस नाम टाइटन रखा गया है। इस डायनासोर का आकार बहुत असामान्य था और उसकी हड्डियों से धरती के इस राजा के बारे में वैज्ञानिकों को और ज्यादा जानकारी मिल सकती है। वैज्ञानिकों को यह डायनासोर मोरेल्ला शहर में संत एंटोनी डी ला वेस्पा जीवाश्म स्थल से साल 2005 से 2008 के बीच खुदाई के दौरान मिला था। अब इसकी पहचान हो पाई है।
वैज्ञानिकों को उस स्थान पर जहां डायनासोर का जीवाश्म मिला है वहां कम से कम 3 जीवाश्म मिले हैं। जिसमें विशाल रीढ़ का जोड़, पैर की हड्डी और दो लगभग पूर्ण पैर के अवशेष मिले हैं। यह किसी सौरोपोड के मामले में बहुत दुर्लभ खोज है।
यह जीवाश्म क्रेटासेअस काल यानी 14 करोड़ 50 लाख साल से 6 करोड़ 60 लाख साल के बीच के शुरुआती दौर के बताए जा रहे हैं। यह शोध लिन्नेआन सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित हुआ है। सौरोपोड 4 पैरों वाले डायनासोर(Dinosaur) होते थे। इनकी गर्दन और पूंछ बहुत लंबी होती थी। यह डायनासोर पेड़- पौधे खाता था।
डायनासोर धरती से कैसे खत्म हो गए?
सौरोपोड का ही एक उप समूह टाइटनोसौर होते थे जो सबसे विशाल सौरोपोड थे। यह एकमात्र वंश था जो 6 करोड़ 60 लाख साल पहले धरती पर ऐस्टरॉइड के गिरने तक बचा हुआ था। माना जाता है कि इस विशाल ऐस्टरॉइड के गिरने के बाद धरती से डायनासोर का खात्मा हो गया। डायनासोर की हड्डी के अवशेष से शोधकर्ता अभी यह नहीं बता पाएं हैं कि यह टाइटन कितना बड़ा था। एक डायनासोर का रीढ़ का जोड़ 3.3 फुट चौड़ा था। वहीं जांघ की हड्डी 6.6 फुट तक पाई गई है।
शोधकर्ताओं ने हड्डियों के आकार के आधार पर अनुमान लगाया है कि इन डायनासोर का औसत आकार एक बॉस्केटबाल कोर्ट के आकार के बराबर होता था। वैज्ञानिकों में अभी इस बात को लेकर बहस चल रही है कि क्या कौन सी प्रजाति सबसे भारी थी लेकिन उनका अनुमान है कि यह कम से कम 70 टन का जरूर रहा होगा।
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