उत्तराखंड (Uttarakhand Disaster) के तपोवन में बहुत ही ह्रदय विदारक दृश्य है। बचाव कार्यों में लगे कर्मचारियों की आंखों में आंसू और चेहरे पर लाचारी है। जिन्हें वो जिंदा बचाने की कोशिश कर रहे थे वो उनकी लाशें लेकर निकल रहे हैं। दुनिया को ऊर्जा और जीवन देने के लिए बनी तपोवन की सुरंग (Tapovan Tunnel) लाशें उगल रही है। सुरंग में फंसे किसी भी मजदूर के जीवित मिलने की संभावनाएं खत्म जैसी लग रही हैं। उत्तराखंड के आपदाग्रस्त क्षेत्र में रविवार शाम तक अलग-अलग स्थानों से 12 लोगों के शव बरामद किए गए। तपोवन सुरंग में 5 शव और रैणी गांव में 7 शव बरामद किए गए। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया (DM Swati S Bhadauriya) ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों मे से अभी तक 50 लोगों के शव विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं। साथ ही दो लोग पहले जिंदा मिले थे। अब भी 154 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। रैणी गांव और तपोवन सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन (Tapovan Rescue Operation) में और तेजी लाने को कहा गया है।
रविवार को जिले में 2 पूर्ण शवों और 4 मानव अंगों का नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि 8 मृतकों के परिजनों तथा चार घायलों को सहायता राशि और एक परिवार को गृह अनुदान राशि दी गई। सुरंग में शव बरामद होने की सूचना पर जिलाधिकारी स्वाति और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने संबंधित अधिकारी के साथ सुरंग के भीतर चल रहे बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने बरामद शवों को पहचान और पोस्टमार्टम के लिए भेजने के निर्देश दिए।
इसके बाद अधिकारी रैणी पहुंचे, जहां उन्होंने बचाव कार्य का जायजा लिया। तपोवन बैराज परिसर में दोनों ओर पोकलैंड व जेसीबी मशीनें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं। जबकि बाढ़ प्रभावित नदी किनारे में जिला प्रशासन के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम खोजबीन में लगी हुई है।
रविवार को मिले शवों की शिनाख्त आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह, निवासी टिहरी गढ़वाल, अनिल पुत्र भगत निवासी कालसी देहरादून, जितेंद्र कुमार पुत्र देशराज निवासी जम्मू-कश्मीर, शेषनाथ पुत्र जयराम निवासी फरीदाबाद, जितेंद्र धनाई पुत्र मतवार सिंह निवासी टिहरी, सूरज ठाकुर पुत्र श्रीनिवास रामपुर कुशीनगर, जुगल किशोर पुत्र राम कुमार निवासी पंजाब, राकेश कपूर पुत्र रोहन राम निवासी हिमाचल प्रदेश, हरपाल सिंह पुत्र बलवंत सिंह निवासी चमोली, वेद प्रकाश पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी गोरखपुर, धनुर्धारी पुत्र राम ललित सिंह निवासी गोरखपुर के रूप में की गई है।
जलस्तर बढ़ने के बाद यहां एक पूरी सुरंग मलबे से भर गई थी। अब इस सुरंग से करीब 136 मीटर तक मलबा निकाला जा चुका है। साथ ही यहां ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है। एनटीपीसी ने कहा है कि करीब 10 से 12 घंटे में सुरंग के भीतर की वस्तुस्थिति का पता चल सकेगा।