चीन की अपनी सांस्कृतिक पहचान को लेकर असंवेदनशीलता जग-जाहिर है। इतिहास में ऐसे कई पड़ाव हैं जो चीन की अनदेखी को दिखाता है। इसी कड़ी में एक और वाकया सामने आया है। बता दें कि चीन की अंतिम आदिम जनजाति विलुप्त हो गई है। जहां वो जनजाति निवास करती थी चीन के उस गांव का इतिहास 4000 से ज्यादा लम्बा है। इसे चीन की अंतिम आदिम जनजाति मानी जाती है।
मिली जानकारी के अनुसार, 14 फरवरी को चीन के युनान प्रांत के लिनछांग शहर में पुराने वंगतिंग गांव के लाउच्येई में आग लग गई। हालांकि, आग बुझा दी गई है और किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन खेद की बात है कि लाउच्येई के 105 मकानों में अब केवल 4ही शेष रह गये हैं।
हालांकि, अभी आग लगने की वजह का पता नहीं चला है। इसकी वजह की जांच जारी है। गौरतलब है कि वंगतिंग गांव का लाउच्येई लानछांग नदी के किनारे पर स्थित है, जो बादलों, पर्वतों और अनेक झीलों से घिरा हुआ है। इस गांव का 4000से ज्यादा लम्बा इतिहास है, जो चीन में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित वा जाति का गांव समूह है। इसलिए इसे चीन की अंतिम आदिम जनजाति मानी जाती है।
2019 के जनवरी में वंगतिंग गांव को चीन का मशहूर ऐतिहासिक सांस्कृतिक गांव चुना गया। 2020के मार्च में वंगतिंग गांव चीन के 4ए राष्ट्रीय पर्यटन स्थलों की नामसूची में शामिल हुआ। यहां बहुत से पर्यटक इधर आने के लिए आकर्षित होते हैं।