म्यांमार की जनता में फौजी बूटों के तले रौंदे जाने या बंदूक की गोलियों से दागे जाने का डर खत्म हो चुका है। मार्शल लॉ के ऐलान के बावजूद म्यांमार की जनता बाहर सड़कों पर निकल रही है और फौजी तख्ता पलट का विरोध कर रही है। मांडलेय में हुई फायरिंग में दो लोगों की मौत के एक दिन बाद रविवार को भी कई शहरों में प्रदर्शनकारी फिर इकट्ठा हुए। पुलिस की गोलीबारी में मारे गए एक युवक का अंतिम संस्कार भी इस बीच किया गया। आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार के एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद देश की सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं।
इन प्रदर्शनों में म्या थ्वेट थ्वेट खिने मरने वाली पहली युवती हैं, जिसकी आधिकारिक पुष्टि हुई है। राजधानी ने पी ता में हुए प्रदर्शन के दौरान युवती को उसके 20वें जन्मदिन से दो दिन पहले नौ फरवरी को गोली लगी थी। युवती की शुक्रवार को मौत हो गई थी। जिस अस्पताल में कड़ी सुरक्षा के बीच उसके शव को रखा गया था, उसके बाहर करीब एक हजार लोग गाड़ियों और बाइक पर इकट्ठा हुए। हालांकि, अस्पताल में युवती के बुजर्ग रिश्तेदारों को भी प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई, जो यांगून से आए थे। जब उसका शव सौंपा गया तो अस्पताल से कब्रिस्तान तक गाड़ियों का लंबा काफिला शव के साथ था।
मांडले में भी एक बड़े प्रदर्शन का आयोजन हुआ, जहां शनिवार को पुलिस ने बंदरगाह में दो प्रदर्शनकारियों को मार गिराया था। यह घटना तब हुई थी जब सुरक्षाकर्मी कर्मचारियों पर एक नाव में सामान लादने के लिये दबाव बना रहे थे। ये कर्मी भी रेल कर्मियों व ट्रक चालकों तथा कई लोकसेवकों की तरह जुंटा के खिलाफ सविनय अवज्ञा अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। यह गोलीबारी तब हुई जब आसपास रहने वाले लोग यदानाबोन गोदी पहुंचे और कर्मचारियों के प्रदर्शन में मदद की कोशिश की। एक किशोर प्रदर्शनकारी के सिर में गोली लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति के सीने में गोली लगी और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। कई अन्य लोगों के भी गंभीर रूप से घायल होने की खबर है।
प्रत्यक्षदर्शियों के विवरण और मौके की तस्वीरों से संकेत मिलता है कि रबर की गोलियों, पानी की बौछारों और गुलेल का इस्तेमाल करने के अलावा सुरक्षा बलों ने गोली भी चलाई। इन मौतों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने ट्विटर पर कहा, “शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी निंदनीय है। हम लोकतंत्र को कुचलने और विरोध के सुरों को दबाने वालों के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।” सिंगापुर ने भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग की निंदा की है।