12मार्च को पहला क्वाड शिखर सम्मेलन हुआ। इस में पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में कोरान, तकनीक और जलवायु परिवर्तन समेत कई कूटनीतिक विषयों पर चर्चा हुई। लेकिन इस QUAD सम्मेलन से चीन को चिढ़ मची हुई है। क्वाड शिखर सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की आक्रामकता पर भी चर्चा हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक क्वाड नेताओं का इस मुद्दे पर रुख सहानुभूति वाला रहा। यह बात चीन को जरूर चुभने वाली है। वह पहले से ही क्वाड को लेकर चिढ़ा हुआ है।
ये पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन एक साथ मंच पर दिखे। इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी QUAD के इस वर्चुअल सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन में चारों नेताओं ने अपने क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा कोरोना और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्याओं पर भी बात की। इसके अलावा चारों देशों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई है कि 21वीं सदी में दुनिया का भविष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र तय करेगा। जापान के पीएम योशिहिडे सुगा ने भी कई बार भारत का नाम लेते हुए उसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बड़ी ताकत बताया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में कहा, ‘हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज हमारे एजेंडा में वैक्सीन, क्लाइमेट चेंज और इमर्जिंग टेक्नॉलजी जैसे सेक्टर शामिल हैं, जो ‘क्वाड’ को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं।’उन्होंने कहा, ‘मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है।’
वर्चुअल समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वाड’ महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं ।।। हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून से संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी दबाव से मुक्त हैं लेकिन मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं।’