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किसान आंदोलन पर भारत के खिलाफ जांच के लिए सिख फॉर जस्टिस ने संयुक्त राष्ट्र को दिया चंदा

भारत के खिलाफ साजिश! आतंकी गिरोह सिख फॉर जस्टिस ने UN को दिया चंदा

एमएसपी की गारंटी को लेकर शुरू हुए कृषि कानून विरोधी कथित किसान आंदोलन पर भारत विरोधी आतंकी गिरोह स‍िख फॉर जस्टिस सीरिया की तर्ज पर भारत की जांच करवाना चाहता है। अपनी इस साजिश में आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने संयुक्त राष्ट्र को घूस देकर फंसाने की कोशिश की है। यह घूस चंदे की शक्ल में दी गई है।

भारत में प्रतिबंधित खालिस्‍तान समर्थक आतंकी गुट स‍िख फॉर जस्टिस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। स‍िख फॉर जस्टिस नाम के आतंकी गिरोह ने संयुक्त राष्ट्र को  10 हजार डॉलर का चंदा दिया है। यह आतंकी गिरोह भारत में किसान के प्रदर्शन के दौरान हुए कथित दुर्व्‍यवहार की जांच करने के लिए यूएन के अंदर 'जांच आयोग बनाने' की साजिश कर रहा है। ऐसी भी अपुष्ट खबरें हैं कि सिख फॉर जस्टिस ने कुछ देशों के राजनयिकों को भी घूस दी है। उन्हीं राजनकियों के माध्यम से यूएन में कथित किसान आंदोलनकारियों के साथ दुर्व्यवहार की अंतर्राष्ट्रीय जांच करवाना चाहता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकारों के लिए हाई कमिश्‍नर के प्रवक्‍ता ने सिख फॉर जस्टिस से चंदा लेने की पुष्टि की है।

प्रवक्‍ता ने कहा, 'हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमें एक मार्च को सिख फॉर जस्टिस से ऑनलाइन 10 हजार डॉलर चंदा मिला है। आमतौर हम उन लोगों या संस्‍थाओं के चंदे को तब तक अस्‍वीकार नहीं करते हैं जब तक कि उन्‍हें संयुक्‍त राष्‍ट्र की ओर से प्रतिबंधित न कर दिया गया हो।' अमेरिका में रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्‍नून ने कहा है कि सिख समुदाय की ओर 13 लाख डॉलर देने का वादा किया गया है ताकि संयुक्‍त राष्‍ट्र की ओर से जांच आयोग का गठन किया जा सके।

भारत सरकार ने खालिस्‍तान समर्थक गुरपतवंत सिंह को आतंकी घोषित कर रखा है और यह सिख फॉर जस्टिस का महासचिव है। गुरपतवंत सिंह ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, संयुक्‍त राष्‍ट्र ने आयोग की स्‍थापना नहीं की है लेकिन हम इस पूरे मामले को संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकारों के लिए बनाए गए हाई कमिश्‍नर कार्यालय के जरिए उठा रहे हैं।

हालांकि संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार हाईकमिश्नर के  प्रवक्‍ता ने कहा कि भारत के खिलाफ इस तरह की किसी जांच के लिए आयोग बनाने की कोई योजना नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सिख फॉर जस्टिस को इस बारे में बता द‍िया गया है और अगर उन्‍हें कोई गलतफहमी है तो उनके 10 हजार डॉलर के चंदे को लौटाया जा सकता है।