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Nepalese PM KP Sharma Oli का बड़ा बयान, चीनी कर्ज के मकड़जाल में नहीं फंसेगा नेपाल, भारत के बारे में कही ये बड़ी बात

चीन के कर्ज के मकड़जाल में नहीं फंसेगा नेपाल- ओली

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने ऐसा बयान दिया है जिससे चीन की कम्यूनिस्ट सरकार की दिल की धड़कनें बढ़ सकती है। ओली ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा है कि भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को लेकर किसी को संदेह या भ्रम नहीं होना चाहिए। भारत के साथ उनके संबंध पहले की तरह मजबूत हैं और लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने भारत से नेपाल को मुफ्त में दी गई कोरोना वायरस के 10लाख डोज के लिए भी मोदी सरकार की तारीफ की। कर्ज देकर गरीब देशों की जमीनें हड़पने की चीन की नीतियों पर नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने कहा है कि हम सावधान हैं हम चीन की चाल और कर्ज के मकड़जाल में नहीं फंसेंगे। 

नेपाली पीएम ओली ने कहा कि नेपाल में वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए नेपाल की संसद को भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक अलग फैसला दिया और प्रतिनिधि सभा को बहाल किया। कोर्ट के फैसले से प्रमुख राजनीतिक दल (नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी) दो भाग में विभाजित हो गई। अब स्थिति कुछ अलग और जटिल है। पार्टी के भीतर समस्याएं हैं, लेकिन फिर भी हम एक लोकतांत्रिक प्रणाली है और संविधान के भीतर, हम तय करेंगे कि आगे कैसे बढ़ना है।

संसद को फिर से बहाल करने वाले कोर्ट फैसले पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने की मेरी सिफारिश को स्वीकार करने के बजाय कुछ और ही फैसला किया है। मुझे इस बात से सहमत होना पड़ेगा कि मेरे अपने लोग कोर्ट को समझाने में फेल हो गए। सब न्यायिक व्यवस्था और संविधान के तहत हुआ है, इसलिए मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। प्रतिनिधि सभा अब भीतर मौजूद राजनीतिक ताकतों के अनुसार फैसला करेगी।

नेपाल में चीन के बढ़ते निवेश और भारत की चिंताओं पर ओली ने कहा कि भारत और नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों के बारे में कोई संदेह या भ्रम नहीं होना चाहिए।  चीन से भी अच्छे संबंध हैं। दोनों पड़ोसी समान रूप से हमारे करीब हैं। भारत और चीन दोनों के नेपाल में निवेश हैं। हम पड़ोसी देशों के अलावा दूसरे देशों से भी निवेश का स्वागत करते हैं।

भारत से कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर ओली ने पीएम मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि भारत से भेजा गया टीका कूटनीति का विषय है। भारत एक मित्रवत पड़ोसी के रूप में हमारे लिए 1लाख वैक्सीन की खुराक को दान में दिया है। हमें भारत से वैक्सीन की दूसरी खेप भी मिली है। यह दोस्ती की बात है। यह हमारे लिए एक बड़ा समर्थन है। हम भारतीय सरकार और भारत के लोगों को धन्यवाद देते हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के दौरान दिखाई देने वाले दोस्ताना संबंध दूसरों के लिए उत्साहजनक और अनुकरणीय हैं कि दो पड़ोसी एक साथ महामारी के खिलाफ कैसे काम कर सकते हैं।