रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली स्कॉरिपयो से पीपीई किट पहने जो शख्स उतरा था वो सचिन वझे ही था, इस बात के सबूत एनआईए को मिल गये हैं। एनआईए ने ब्लैक कलर की एक मर्सडीज कार भी जब्त की है। इस कार से पांच लाख रुपए, पीपीई किट और नोट गिनने की एक मशीन भी बरामद हुई है। ब्लैक कलर की मर्सडीज को सचिन वझे ही इस्तेमाल करता था।
मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के दफ्तर पर छापा
इससे पहले बुधवार की शाम को एनआईए की टीम ने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के दफ्तर पर अचानक छापा मारा। ऐसा बताया जाता है कि एनआईए की टीम ने सोमवार की रात को आठ बजे मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पर छापा मारा था ये कार्रावाई मंगलवार सुबह छह बजे तक चली। इस कार्रवाई को बेहद गोपनीय रखा गया था। इस बारे में एनआईए के आई अनिल शुक्ला ने बताया है कि इस प्रकरण में बहुत कुछ साफ हो गया, लेकिन और भी सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है। एनआईए के आईजी अनिल शुक्ला ने बताया कि जांच एजेंसी ने सचिन वझे से मिले कुछ ठोस सुराग के बाद सोमवार रात करीब 8बजे से सुबह 6बजे तक एनआईए ने उनके मुंबई पुलिस कमिश्नर के ऑफिस की तलाशी ली। वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कब्जे में लिया।
ब्लैक मर्सडीज बड़े उद्योगपति की?
अनिल शुक्ला ने बताया कि इसी प्रकरण में एक मर्सिडीज भी जब्त की गई, जिसका मालिक महाराष्ट्र का एक बड़ा कारोबारी है। वझे के दो मोबाइल फोन, एक आईपैड और एक लैपटॉप भी जब्त किए गए। एनआईए के आईजी अनिल शुक्ला ने बताया कि काले रंग की मर्सीडीज वेंज से स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट, पांच लाख से ज्यादा की नकदी, नोट गिनने वाली मशीन और कुछ कपड़े बरामद किए गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस कार का इस्तेमाल सचिन वझे करता था लेकिन यह किसकी है, इसकी जांच की जा रही है।
सचिन वझे ने किया मनसुख हिरने का कत्ल?
ऐसा बताया जा रहा है किजो स्कॉर्पियो गाड़ी 25फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर छोड़ी गई थी उसी स्कार्पियो कोसचिन वझेअर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के समय खुद ड्राइव कर अलीबाग तक लाया था। इसके अलावा हफ्ते मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की हत्या मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा था कि मनसुख का कत्ल सचिन वझे ने किया है। उन्होंने कहा था कि यह आरोप मनसुख की पत्नी ने लगाया है। मनसुख की पत्नी ने इसके अलावा भी कई सवाल उठाए हैं। मामले की जांच एनआईए कर रही है।
उद्धव सरकार की किरकिरी बना सचिन वझे कौन है?
वझे ने 1990में बतौर सब-इंस्पेक्टर महाराष्ट्र पुलिस जॉइन की थी। पहली पोस्टिंग माओवाद से प्रभावित गढ़चिरौली इलाके में हुई। करीब दो साल बाद उन्हें ठाणे सिटी में भेज दिया गयाा। उनकी पहचान आपराधिक मामलों के एक्सपर्ट की बन रही थी। जल्द ही उन्हें क्राइम ब्रांच की स्पेशल स्क्वाड में शामिल कर दिया गया। वह मुंबई के 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट्स' की उस तिकड़ी का हिस्सा थे जिसमें प्रदीप शर्मा और दया नायक का नाम भी है। 2000में उनका ट्रांसफर मुंबई पुलिस की पोवई यूनिट में क्राइम ब्रांच में कर दिया गया। यहीं पर वझे और तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर घाटकोपर ब्लास्ट केस में आरोपी ख्वाजा युनूस की पुलिस कस्टडी में हत्या करने का आरोप लगा। पुलिस का कहना था युनूस कस्टडी से भागा था। हाई कोर्ट के आदेश पर सीआईडी ने जांच की और पाया कि यह कस्टोडियल डेथ थी। चार्जशीट दाखिल होने के बाद वझे को सस्पेंड कर दिया गया। बीते दिनों कोरोना काल में ही वह बहाल हुए थे।