सऊदी अरब ने पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। सऊदी अरब शासन ने सऊदी मर्दों को पाकिस्तानी औरतों से शादी पर रोक लगा दी है। सऊदी सरकार को अंदेशा है कि पाकिस्तानी औरतों से शादी करने से उनकी अनुवाशिंकी पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, चाड और म्यांमार की महिलाओं से शादी करने से रोक दिया है। एक आंकड़े के मुताबिक इस समय इन चार देशों की शादी लायक पांच लाख महिलाएं सऊदी अरब में रह ही हैं। जिनमें 60 फीसदी से ज्यादा सिर्फ पाकिस्तान की ही हैं।
मक्का के पुलिस महानिदेशक मेजर जनरल असफ अल-कुरैशी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी महिलाओं से शादी करने के इच्छुक सऊदी पुरुषों को अब सख्त नियमों का सामना करना पड़ेगा। पाकिस्तानी महिलाओं से शादी पर रोक लगाने का मकसद कई गंभीर मुद्दों से जुड़ा है। विदेशियों के साथ शादी की अनुमति जारी करने से पहले एडिशनल फॉर्मेलिटी निर्धारित की गई हैं। कुरैशी ने कहा कि विदेशी महिलाओं से विवाह करने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले सरकार की सहमति लेनी होगी और ऑफिशियल चैनलों के माध्यम से विवाह की एप्लीकेशन देनी होगी। इसके साथ ही तलाकशुदा पुरुषों को तलाक के छह महीने के भीतर एप्लाई करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कुरैशी ने कहा आवेदकों की उम्र 25 से अधिक होनी चाहिए और लोकल जिला महापौर के साइन किए पहचान दस्तावेजों के साथ ही फैमिली कार्ड की कॉपी भी अटैच करनी होगी। उन्होंने कहा कि "यदि आवेदक पहले से ही शादीशुदा है तो उसे अस्पताल की एक रिपोर्ट अटैच करनी होगी जिसस यह साबित हो सके कि उसकी पत्नी विकलांग है या क्रोनिक डिजीज से पीड़ित है या फिर बांझ है। "