एक तरफ भारत से सीमा विवाद में जहां थोड़ी नरमी आई है तो चीन ने साउथ चाईना सी में फिलीपींस के एक द्वीप के पास दो सौ जहाजों का बेड़ा तैनात कर दिया तो वहीं एक बार फिर चीन के लड़ाकू जहाज ने ताईवान की हवाई सीमा का अतिक्रमण किया है।
इसके अलावा चीन के तीन नौसैनिक जहाज जापानी जल क्षेत्र में अतिक्रमण करते देखे गए हैं। ताइवान ने कहा है कि चीन के फाइटर जेट्स लगभग हर दिन घुसपैठ कर रहे हैं।
इससे पहले फरवरी महीने में भी चीनी विमान ताइवान और डोंग्शा द्वीप समूह के बीच हवाई क्षेत्र में घुसा था, जो दक्षिण चीन सागर में ताइवान द्वारा नियंत्रित है। उस समय ताइवानी सेना ने तब तक चीनी फाइटर जेट का अपने फाइटर जेट से पीछा किया, जब तक वह सीमा से छोड़ भाग नहीं खड़े हुए। ताइवान ने इस बीच चीन को अपनी फायर पॉवर का अंदाजा करवा दिया है। इसके बावजूद चीन ताइवान में घुसपैठ की हरकत से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है।
अमेरिका ने ताइवान को चीन से निपटने के लिए भारी मात्रा में हथियार और साजो-सामान दिया है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के राजनयिक सीधे डिप्लोमैटिक रिलेशन स्थापित कर रहे हैं। इसी बात से चीन ताइवान से चिढ़ा हुआ है। पिछले महीने तो ऐसा लग रहा था कि चीन ताइवान पर हमला कर उसे हड़पने की कोशिश कर सकता है। लेकिन क्वाड देशों के सक्रिए होने और साउथ चाईना सी में अमेरिकी नौ सेना की सक्रियता से चीन ने पैर तो पीछे खींच लिए लेकिन गीदड़ भभकियों से बाज नहीं आ रहा है।