ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) ने इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक जम्मू और कश्मीर में 91 और लद्दाख क्षेत्र में 3 जन औषधि केंद्र खोले हैं। इसका उद्देश्य क्षेत्र के निवासियों को किफायती मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना है।
बीपीपीआई, भारत सरकार के फार्मास्युटिकल्स विभाग के तहत प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी है। पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कुल बिक्री 4.39 करोड़ रुपये रही। इससे क्षेत्र के निवासियों को 31 करोड़ रुपये की कुल बचत हुई।
जम्मू-कश्मीर सरकार और लद्दाख सरकार ने 73 नए जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव दिया है, जिनके लिए स्थानों की पहचान पहले ही की जा चुकी है। इन केंद्रों को शुरू करने का कार्य दोनों संघ शासित प्रदेशों में नए फार्मेसी परिषदों के गठन के बाद पूरा होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन औषधि दिवस के अवसर पर 7 मार्च 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना के लाभार्थियों से बात की थी। इस सत्र में पुलवामा, कश्मीर के वरिष्ठ नागरिक व लाभार्थियों में से एक श्री गुलाम नबी डार ने विशेष रूप से गरीब और वंचित लोगों के लिए योजना के लाभ के बारे में बात की।
उन्होंने बताया कि जन औषधि केंद्रों में उपलब्ध जेनेरिक दवाओं की कम कीमत के कारण होने वाली बचत कैसे उनके जीवन को सहायता प्रदान कर रही है क्योंकि वे इस बचत का उपयोग अन्य रचनात्मक कार्यों के लिए कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में इन केंद्रों को खोलने के लिए माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था।
भारत सरकार ने जन औषधि केंद्र के माध्यम से पूरे देश में वंचित वर्ग की महिलाओं के लिए 1 रुपये प्रति पैड की कीमत पर जन औषधि सुविधा सेनेटरी पैड भी उपलब्ध कराए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जम्मू और कश्मीर ने निःशुल्क वितरण के लिए सीधे बीपीपीआई से ये पैड खरीदे हैं। अब तक बीपीपीआई ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र को 1.56 करोड़ पैड की आपूर्ति की है। “राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम (आरकेएसके)”के एक भाग के रूप में एनएचएम युवा लड़कियों और महिलाओं को ये पैड निःशुल्क वितरित कर रहा है।.