म्यांमार में तख्तापलट के बाद से सेना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों का दमन जारी है। शनिवार को सेना ने 91 प्रदर्शनकारियों को गोलियों से भून दिया। यह करीब दो माह से जारी आंदोलन के दमन की अब तक की सबसे बड़ी घटना मानी जा रही है। ताजा हिंसा तब हुई जब शनिवार को देश में 'ऑर्म्ड फोर्सेस डे' मनाया जा रहा था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने यांगून, मांडले व अन्य कस्बों में शांतिपूर्वक रैली निकाली। तभी सेना ने आक्रामक रवैया अपनाया और उन पर गोलियां चला दी।
अब तक करीब 400 लोगों की हो चुकी है मौत
म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी निर्वाचित सरकार को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इसमें अब तक करीब 400 लोगों की मौत हो चुकी है।
म्यांमार के जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने आर्मी परेड पर सेना की सलामी ली। राजधानी नेपाईतॉ में हुई परेड के दौरान उन्होंने कहा कि सेना लोगों की रक्षा करेगी औऱ लोकतंत्र को बचाने के लिए कोशिश करेगी। सराकरी टीवी चैनल ने शुक्रवार को कहा था कि प्रदर्शनकारियों को सिर और पीठ में गोली लगने का खतरा है। इसके बावजूद तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शनकारी यांगोन, मांडले और अन्य शहरों की सड़कों पर निकले।
सेना ने 7 साल की बच्ची को भी नहीं बख्शी
म्यांमार के मंडल्य शहर में एक 16 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, कुछ लोग घायल हुए थे। इससे पहले मंगलवार को मंडल्य शहर में ही सेना ने पिता की गोद में बैठी 7 साल की बच्ची की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अबतक हुई मौतों में बच्ची की उम्र सबसे कम है।